रायबरेली: प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शुरू, डॉ अमित मिश्रा ने दी यह जानकारियां…

रायबरेली:  प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान शुरू, डॉ अमित मिश्रा ने दी यह जानकारियां…

रायबरेली। गर्भवती महिलाओं को दूसरी व तीसरी तिमाही में एएनसी यानी गुणवत्तापरक जांच और उपचार की सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। इसी के चलते जिला महिला अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। असल में गर्भावस्था के दौरान मूत्र संक्रमण और गुर्दे की पथरी की समस्याएं बढ़ जाती …

रायबरेली। गर्भवती महिलाओं को दूसरी व तीसरी तिमाही में एएनसी यानी गुणवत्तापरक जांच और उपचार की सुविधा देने के लिए प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान चलाया जा रहा है। इसी के चलते जिला महिला अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। असल में गर्भावस्था के दौरान मूत्र संक्रमण और गुर्दे की पथरी की समस्याएं बढ़ जाती हैं। सही समय पर जांचों से इसे रोका जा सकता है। हाईरिस्क प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाव और जागरूकता को लेकर कार्यक्रम मुख्य रूप से आयोजित किया गया।

जिला महिला चिकित्सालय में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रायबरेली के यूरोलाजिस्ट डॉ अमित मिश्रा ने गर्भावस्था के दौरान यूरिन इन्फेक्शन और गुर्दे की पथरी के लक्षण, बचाव और उपचार पर विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि महिलाएं किसी भी समाज का मजबूत स्तंभ होती हैं। जब हम महिलाओं और बच्चों की समग्र देखभाल करेंगे तभी देश का सतत विकास संभव है। एक गर्भवती महिला के निधन से ना केवल बच्चों से मां का आंचल छिन जाता है बल्कि पूरा का पूरा परिवार ही बिखर जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की उचित देखभाल और प्रसव संबंधी जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ही यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। अक्‍सर गर्भवती महिलाओं को यूरीनरी ट्रैक्‍ट इंफेक्‍शन (यूटीआई) या मूत्र मार्ग में संक्रमण की दिक्‍कत होती है। अगर इसका इलाज न किया जाए तो यूटीआई के कारण प्रेगनेंट महिला और शिशु को गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या हो सकती है। गर्भावस्‍था के दौरान यूटीआई होना आम बात है। शिशु के बढ़ने पर मूत्राशय और मूत्र मार्ग पर दबाव पड़ने की वजह से बैक्‍टीरिया मूत्र मार्ग में रह जाता है जिससे इंफेक्‍शन पैदा होता है।

डॉ अमित मिश्रा

उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं को पहले से ही यूटीआई की प्रॉब्‍लम होती है, उनमें गर्भावस्‍था के दौरान इसका जोखिम ज्‍यादा रहता है। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को अधिक से अधिक पानी पीना चाहिए। पानी मूत्र मार्ग में मौजूद बैक्‍टीरिया को बाहर निकालने में मदद करता है। विटामिन सी, क्रैनबैरी और प्रोबायोटिक्‍स की मदद से बार-बार होने वाली यूटीआई की समस्या का इलाज करने में मदद मिल सकती है। समस्या होने पर डॉक्टर से जरूर मिले। किडनी स्टोन किसी को भी हो सकता है, जिसमें गर्भावस्था भी शामिल है।