मुरादाबाद : शहर को ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल का इंतजार

मुरादाबाद : शहर को ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल का इंतजार

मुरादाबाद, अमृत विचार। यातायात व्यवस्था को सुचारू और व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए महानगर ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिगनल का इंतजार कर रहा है। आठ साल पहले लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल रखरखाव के अभाव में चंद महीनों में ही दम तोड़ गए। अब स्मार्ट सिटी परियोजना में एक बार फिर इस सुविधा की तैयारी की जा …

मुरादाबाद, अमृत विचार। यातायात व्यवस्था को सुचारू और व्यवस्थित ढंग से चलाने के लिए महानगर ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिगनल का इंतजार कर रहा है। आठ साल पहले लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल रखरखाव के अभाव में चंद महीनों में ही दम तोड़ गए। अब स्मार्ट सिटी परियोजना में एक बार फिर इस सुविधा की तैयारी की जा रही है। महानगर में वाहनों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। ऑटोमेटिक सिगनल लगाने के लिए स्थान भी चिह्नित कर लिए गए हैं। मगर सवाल वही है कि रख-रखाव तो इनका भी करना पड़ेगा। महानगर के अंदरूनी हिस्सों में ऑटोमेटिक सिग्नल लगाने की कवायद शुरू भी कर दी गई है। कई स्थानों पर स्वचलित कैमरे लगाए गए हैं।

हाईवे पर ई-रिक्शा रोकने की योजना बनाई गई,
स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर में ऑटोमैटिक सिग्नल लगाने की तैयारी शुरू कर दी गई है, मगर यह समय ही बताएगा कि यह कितने कारगर साबित होंगे। दरअसल, ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए कोई ठोस योजना ही नहीं बनाई गई। पहले आधी-अधूरी तैयारियों के बीच महानगर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगवा दी गईं। ऑटो के लिए रूट निर्धारित किए गए, मगर कोई योजना परवान नहीं चढ़ सकी। रूट प्लान भी ट्रैफिक लाइट की तरह चंद महीनों में ही धड़ाम हो गया। हाईवे पर ई-रिक्शा रोकने की योजना बनाई गई, मगर वह भी परवान नहीं चढ़ सकी। हाईवे पर दौड़ रहे ई-रिक्शा मुंह चिढ़ाते नजर आते हैं। रूट के हिसाब से ऑटो का रंग भी बदलवाया गया, मगर कोई नतीजा नहीं निकला। तमाम ई-रिक्शा बिना रजिस्ट्रेशन के ही घूम रहे हैं।

पीएसपी और फव्वारा चौक पर लगाए गए मूविंग बूथ भी फांक रहे धूल
बाहरी शहरों के परमिट वाले वाहन भी महानगर में धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसी तरह के वाहनों से महानगर में दबाव बढ़ता जा रहा है और ट्रैफिक व्यवस्था चौपट पटरी पर नहीं आ पा रही है। अब यही डर सता रहा है कि स्मार्ट सिटी के नाम पर लगाई जाने वाले यह कैमरे और लाइटें भी कहीं स्मार्ट सिटी के नाम पर मिली राशि को खपाने की कवायद तो नहीं है। पीएसपी और फव्वारा चौक पर लगाए गए मूविंग बूथ भी रख-रखाव के अभाव में धूल फांक रहे हैं। इस संबंध में एसपी ट्रैफिक के पास रटा-रटाया जवाब है कि उन्हें तो यह सब विरासत में मिला था। उनसे पहले तैनात रहे अधिकारियों ने इनकी देखभाल क्यों नहीं की, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।

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