बरेली: बारिश में गिरा कच्चा मकान, विधवा मां समेत दो बच्चे दबे, मौके पर ही बेटी की मौत

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते दो दिनों से हुई बारिश की वजह से एक विधवा महिला के कच्चे मकान की छत गिर गई। हादसे में उसकी 12 साल की मासूम बेटी की जान चली गई। जबकि वह खुद और उसका 10 साल का बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों …
बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के बरेली में बीते दो दिनों से हुई बारिश की वजह से एक विधवा महिला के कच्चे मकान की छत गिर गई। हादसे में उसकी 12 साल की मासूम बेटी की जान चली गई। जबकि वह खुद और उसका 10 साल का बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों को इलाज के लिए बरेली जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अभी तक उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
मेहनत मजदूरी करके परिवार को पाल रही थी महिला
दरअसल, सिरौली थाना क्षेत्र के पिपरिया गांव की रहने वाली 50 वर्षीय नीरज उर्फ कुनकुन अपनी 12 वर्षीया बेटी खुशी, और 10 साल के बेटे अमन के साथ रह रही थी। कुनकुन के पति सतेंद्र पाल सिंह का पहले ही निधन हो चुका है। जिसकी वजह से वह खुद ही बच्चों का पालन पोषण कर रही थी।
गांव में ही वह मेहनत मजदूरी करके बच्चों के लिए दो वक्त की रोटी की गुजर बसर करती। कुनकुन गांव में ही एक कच्चे मकान में रह रही थी। मकान की छत लोहे के गार्डर और लकड़ी की फंटियों से पटी हुई थी। बारिश की वजह से पूरी छत धड़ाम हो गई। इस हादसे में उसने अपनी बेटी को खो दिया।
चीख पुकार मची तो पड़ोसी भागे
गांव वालों का कहना है कि बारिश के बाद रविवार रात कुनकुन अपने दोनों बच्चों के साथ घर में सो रही थी। इसी बीच अचानक से धड़ाम की अवाज हुई। कुछ ही देर में चीखने की आवाज भी आने लगी। चीखने चिल्लाने की आवाज सुनकर जब लोग बाहर निकले तो पता चला कि कुनकुन के घर की छत गिर गई है।
मलवा हटाया तो बेटी की लाश मिली
चीख पुकार की आवाज सुनने के बाद मोहल्ले के लोग कुनकुन के घर पहुंचे और मलवा हटाने में जुट गए। जब तक मलवा हटाकर खुशी को निकाला गया तब तक वह दम तोड़ चुकी थी। हालांकि बेटे अमन की जान बच गई। मगर वह गंभीर रुप से घायल हो गया। इसके बाद 108 एंबुलेंस की मदद से दोनों मां बेटे को बरेली जिला अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया गया।
ये भी पढ़ें-