बरेली: Twitter पर की शिकायत तो चढ़ा नए SSP का पारा, जनता बोली- साहब…खिसिया काहे रहे

बरेली: Twitter पर की शिकायत तो चढ़ा नए SSP का पारा, जनता बोली- साहब…खिसिया काहे रहे

बरेली, अमृत विचार। जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में विश्व पटल पर लाकर विश्व गुरु बनाने की बात कहते हैं, जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए सूबे की विधानसभा को डिजिटिलाइज करते हैं, जब कोरोनाकाल में सारे दरवाजे बंद …

बरेली, अमृत विचार। जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में विश्व पटल पर लाकर विश्व गुरु बनाने की बात कहते हैं, जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसी दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए सूबे की विधानसभा को डिजिटिलाइज करते हैं, जब कोरोनाकाल में सारे दरवाजे बंद थे, तब सोशल मीडिया ही लोगों की जिंदगी का एकमात्र सहारा बना। मदद की दरकार हो या त्वरित कार्यवाही, कई ऐसे उदाहरण हैं जो  सोशल मीडिया की ताकत का अंदाजा लगाने के लिए काफी हैं। लेकिन, शायद ये सब चीजें, कुछ लोगों को रास नहीं आती। यहां तक तो बात फिर भी मान सकते हैं, लेकिन अब, जब अधिकांश शासन-प्रशासन के कामों का लेखा-जोखा सोशल मीडिया पर दिया जाता हो और साथ ही पुलिस से जुड़े कामों को भी सोशल मीडिया के जरिए किया जाने लगा हो तो ऐसे में अधिकारियों को ही इससे दिक्कत होने लगे, तो आप क्या कहेंगे?

ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि तेजतर्रार आईपीएस ऑफिसर सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज यूपी के बरेली जनपद के नए एसएसपी बनाए गए हैं। जनपद में नए कप्तान के पैर पड़ते ही लोगों की उम्मीदों की किरण और जगमगा उठी, लगा कि शायद नए साहब जनता की फरियाद को प्राथमिकता देंगे, बेहतर पुलिसिंग पर काम करेंगे, जमीनी हकीकत के साथ ही समानांतर रूप से सोशल मीडिया पर जनता से रू-ब-रू होंगे, लेकिन जैसे ही नए कप्तान का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर आया, सुर्खियां बन गया। जनता बोली, साहब- खिसिया काहे रहे हैं?

दरअसल, शनिवार को करीब रात 10 बजे बरेली एसएसपी (@ssp_bareilly) नाम के एक ट्विटर अकाउंट से हुआ एक ट्वीट सुर्खियों में है। ट्विटर का स्क्रीन शॉट वॉट्सऐप पर तेजी से वायरल हो रहा है। साथ ही कुछ लोग इस ट्वीट की आलोचन भी कर रहे हैं। एसएसपी बरेली के नाम से बने ट्विटर हैंडल से ट्विटर को चलता-फिरता कार्यालय ना बनाने की बात कही है।

हालांकि, अमृत विचार बरेली एसएसपी (@ssp_bareilly) नाम से बने इस ट्विटर हैंडल और ट्वीट की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन जो ट्वीट में लिखा गया है वो ये कि ‘ट्विटर को चलता फिरता कार्यालय ना बनाएं… किसी भी कार्य दिवस में थाना/क्षेत्र अधिकारी/ अपर पुलिस अधीक्षक अथवा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर प्रार्थना पत्र दें।’

इतना लिखते ही सोशल मीडिया यूजर्स का भी जुलाई की गर्मी में पारा और चढ़ गया। अब तक इस ट्वीट को 382 लोग लाइक कर चुके हैं और 87 लोग रिट्वीट व 50 लोग कोट रिट्वीट कर चुके हैं। इतना ही नहीं, सैंकड़ों सोशल मीडिया यूजर्स एसएसपी बरेली के इस ट्वीट की भर भरकर निंदा व आलोचना कर रहे हैं।

वहीं, अपने ट्वीट पर आलोचना का ग्राफ बढ़ता देख @ssp_bareilly द्वारा दो रिप्लाई किए गए, जिसमें लिखा गया, ‘तत्काल सहायता के लिए 112 डायल करें, ऑनलाइन शिकायत के लिए IGRS जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत करें, ऑनलाइन एफआईआर UPCOP app से दर्ज करायें, सामान्य शिकायत के लिए निकटतम थाने/क्षेत्राधिकारी/अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आवेदन करें, निस्तारण न हो तो मेरे कार्यालय या cug पर बतायें।’

एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘व्यवस्था बनाना हमारी जिम्मेदारी है। आपको शिकायत निस्तारण की बनी हुईं व्यवस्था से लाभ मिले और वह प्रचलित व्यवस्था अपनी सर्वोत्तम सेवा आपको दे इसे सुनिश्चित कराना मेरा काम है। मैं भी यही चाहता हूं कि आपको बनी बनाई व्यवस्था से हल मिले और यहां न आना पड़े।’

लेकिन, जनता को शायद सोशल मीडिया पर नए कप्तान की भाषा शैली, फरियादी की शिकायत पर रिएक्शन और कार्यशैली बिल्कुल नहीं अच्छी लगी और एक के बाद एक रिएक्शन जनता की तरफ से ताबड़तोड़ आना शुरू हो गए। हालाँकि, कुछ यूजर्स का ये भी कहना है कि ये ट्विटर हैंडल एसएसपी बरेली के नाम से बनाया गया है जो शायद फर्जी है और बरेली पुलिस (@bareillypolice) को इस बाबत स्पष्टीकरण देना चाहिए। लेकिन, अब तक बरेली पुलिस की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।

क्यों आया एसएसपी का ट्वीट ?
दरअसल,  ट्विटर पर एक ट्वीट किया गया था। ट्वीट पर रिट्वीट का मामला हाफिजगंज क्षेत्र से जुड़ा था। जहां एक महिला का अपने ननदोई से विवाद चल रहा है। उनका आरोप था कि 5 जुलाई को पति मजदूरी करने गए, उसी समय आरोपित ननदोई घर आया और छेड़छाड़ की। विरोध करने पर पिटाई की और जेवर आदि लूट कर भाग गया। मोहन स्वरुप ट्विटर हैंडल से उनका एक प्रार्थना पत्र एसएसपी बरेली (@ssp_bareilly) को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की गई। इसे डीजीपी, यूपी पुलिस और एडीजी को भी टैग किया गया इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए एसएसपी बरेली ने अपना जवाब दिया।

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