पीलीभीत: दस लाख का इनामी आतंकी सिद्धू के मददगार रडार पर, कई हिरासत में...एनआईए भी कर रही पड़ताल
पीलीभीत, अमृत विचार: आईएनए के दस लाख के इनामी आतंकी सिद्धू के तराई में छिपे मददगारों तक पहुंचने के लिए पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां छानबीन कर रही हैं। वह बीते साल पूरनपुर क्षेत्र में आकर रुका था। इसकी जानकारी मिलने के बाद टीमें अलर्ट हो चुकी हैं और सिद्धू के मददगार रडार पर आ चुके हैं। इसके लिए तावड़तोड़ दबिश दी जा रही हैं। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर टीमें पूछताछ कर रही है।
बता दें कि पीलीभीत और पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम से 23 दिसंबर को हुई मुठभेड़ में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकियों को मार गिराया गया था। पूरनपुर के ही हरजी होटल में तीनों आतंकी ठहरे थे।उनकी मदद करने वाले पूरनपुर क्षेत्र के ही जसपाल उर्फ सनी को भी पुलिस जेल भेज चुकी है। इससे हुई पूछताछ के बाद यह समाने आया था कि इनके तार विदेश में बैठे आतंकी सिद्धू से जुड़े हुए थे।
पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की नांगल इकाई के अध्यक्ष विकास बग्गा की अप्रैल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी मूल रुप से हरियाणा के निवासी कुलवीर सिंह सिद्धू और उसके साथी हरजीत सिंह उर्फ लाडी जोकि पंजाब का रहने वाला है। दोनों के गिरफ्तार न होने पर एनआईए ने 10-10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है।
पूरनपुर में बीते दिनों हुई मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों के नेटवर्क का पता लगाने को चल रही छानबीन में पता चला है कि सिद्धू ने ही विदेश से कॉल कर एक दिन पूर्व जेल भेजे गए सनी को आतंकियों की मदद के लिए होटल भेजा था। इतना ही नहीं विहिप नेता की हत्या में सुपारी के दस लाख रुपये भी पूरनपुर के ही किसी युवक के खाते में आने का पता चला था। इसे लेकर भी दूसरे दिन पड़ताल चलती रही। पुलिस अब तराई में सिद्धू के मददगारों का पता लगाने में जुट गई है। इसे लेकर कुछ संदिग्धों तक भी टीम पहुंची और उनसे पूछताछ की जा रही है।
शनिवार को भी कोतवाली में रहे एसपी, दौड़ती रही टीमें
खालिस्तानी आतंकियों की पूरनपुर में दस्तक उजागर होने पर पुलिस विभाग संजीदा है। एक तरफ एनआईए और एसटीएफ छानबीन कर रही है। वहीं, मुठभेड़ के दौरान पुलिस टीम की कमान संभालने वाले एसपी अविनाश पांडेय ने भी पूरनपुर में डेरा डाल रखा है। शनिवार को भी वह सुबह से ही पूरनपुर कोतवाली में रहे। आतंकियों के नेटवर्क का पता लगाने को लगाई गई पुलिस की 12 टीमें क्षेत्र में संदिग्धों की पड़ताल करने के लिए दौड़ती रही। एसपी ने पुलिस की टीमों संग अपडेट लिया और आवश्यक दिशानिर्देश दिए।
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