कासगंज: तीर्थ नगरी में जुटे देश भर से नागा साधु, आकर्षण का बने केंद्र
सोरोंजी, अमृत विचार: तीर्थ नगरी सोरों में शुक्रवार को नागा साधुओं की परंपरागत शाही सवारी निकाली गई। दूरस्थ प्रांतों से आए साधुओं ने हैरतअंगेज करतब दिखाकर लोगों को आश्चर्यचकित किया। शाही सवारी देखने के लिए कस्बे के अलावा आसपास गांव के लोग पहुंचे। दिन भर आकर्षण बना रहा। माहौल भक्तिमय दिखाई दिया। समाजसेवियों ने जगह जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया और रबड़ी दूध बांटकर उनकी सेवा की।
हरिपदी गंगाघाट पर स्थित शंभू पंचदश नागा आवाहन अखाड़ा नागालैंड पर पूर्व संध्या से ही नागा साधुओं का जमावाड़ा था। देश भर से आए नागा-साधुओं ने शाही सवारी की तैयारियां की थी। नागालैंड अखाड़े से वराह भगवान मंदिर के महामंडलेश्वर अशोतोषानंद गिरि एवं महंत विदेहांद गिरि ने शंखनाद के साथ प्रारंभ किया। नागा साधुओं की सवारी मोहल्ला चक्रतीर्थ, बारू बाजार, मोहल्ला चौसठ, हनुमानगढ़ी, मोहल्ला बड़ा बाजार, कायस्थान, रामसिंहपुरा, लहरा रोड़, रामलाल चौराहा, अनाज मंड़ी, चंदन चौक, रामेश्वर घाट, तुलसी नगर बदरिया से होती हुई नागालैंड आश्रम पर संपन्न हुई।
नागाओं की शाही सवारी देखने के लिए आसपास के गांव से हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। नागाओं द्वारा दिखाए जा रहे हैरतअंगेज करतब लोगों को आश्चर्यचकित कर रहे थे। शाही सवारी में उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली के अलावा अलीगढ़, आगरा, चंदौसी, अल्मोड़ा, उत्तराखंड, फर्रुखाबाद से पहुंचे सैंकड़ों साधुओं ने भाग लिया। इस मौके पर नागा साधु आकाश गिरी, रमेश गिरी, दयालगिरी, संतगिरी, पर्वत गिरी, अशोक गिरी, सतीश गिरी, राजगीरी, त्रिलोक गिरी, चक्कर गिरी महादेव गिरी, पुरण गिरी,थानापति रविगिरी, गोपाल गिरी, अभिषेक गिरी, रामेश्वर गिरी, जावर गिरी, नारायण गिरी, देवगिरी, श्याम गिरी, प्रकाश गिरी, सूर्य गिरी, नीरज गिरी, राम गिरी, सोरों गिरी, सोमवार गिरी हैरत भरे करतब दिखाए।
ढाई दशक पुरानी है शाही सवारी की परंपरा
नागालैंड अखाड़े के महंत किशन गिरि ने बताया कि 28 वर्ष पूर्व नागा साधू महंत सेवागिरि ने देश भर के नागा साधुओं को एक मंच पर लाकर मार्गशीर्ष शुल्क पक्ष में शाही सवारी और गंगा स्नान की परंपरा डाली तब से इस परंपरा का निरंतर निर्वहन किया जा रहा है।
12 वर्षीय बाल नागा बना आकषर्ण का केंद्र
तीर्थ नगरी में सोमवार को निकाली गई परंपरागत नागा साधूओं की शाही सवारी में जहां देश के विभिन्न प्रांतों से नागा साधुओं ने सहभागिता निभाई वहीं समीपवर्ती जिला बदायूं के थाना बिनावर के गांव बहेटी 11 वर्षीय बाल नागा साधू शामिल था। इस बाल नागा को देखने के लिए लोगों में विशेष उत्साह था।
चिलम चढ़ाने परंपरा का किया गया निर्वहन
गंगा स्नान के बाद स्वर्गीय नागा काशी गिरि की समाधि पर नागाओं द्वारा चिलम चढ़ाने की परंपरा है। इस परंपरा के निर्वहन के लिए नागा साधू स्नान के बाद स्वर्गीय नागा काशी गिरि महाराज समाधि पर पहुंचे जहां नागा साधुओं ने चिलम चढ़ाने की परंपरा का निर्वहन किया।
लोगों ने बरसाए फूल, नागा बाबाओं का किया स्वागत
नागा साधुओं की शाही सवारी का कस्बे में भ्रमण कराया गया। इस दौरान जगह-जगह लोगों ने फूल बरसाकर शाही सवारी का स्वागत किया। नागाओं द्वारा दिखाए जा रहे। हैरतअंगेज करतब लोगों के बीच चर्चा का विषय रहे। पुष्पवर्षा कर रहे लोगों का नागा साधु अभिवादन भी कर रहे थे। तमाम श्रद्धालुओं ने नागा बाबाओं को पुष्पहार पहनाएं। मेवा का दूध एवं पान, जलेबी खिलाकर अभिनंदन किया। नागा साधुओं को गर्म कंबल वितरण कर उनका स्वागत किया। नागा साधुओं का स्वागत करने वालों में मोहन चौधरी, पवन अग्रवाल, सिद्धार्थ शर्मा, पंकज अग्रवाल, रामजीलाल सर्राफ, जितेंद्र गुप्ता, गिरीश गुप्ता, रानू जौहरी, रामस्वरूप मौर्य, प्रयांशु जौहरी, जीतेश राजपूत, राम तिवारी, प्रमोद शर्मा सहित बडी संख्या में सोरों के तीर्थ पुरोहित मौजूद रहे।
पुलिस ने संभाली सुरक्षा व्यवस्था की कमान
नागा बाबा की शाही सवारी देखन के लिए कस्बे के अलावा जिले भर से लोगों की पहुंची। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस ने कड़े बंदोबस्त किए। जगह जगह पुलिस पीकैट तैनात थी। वहीं शोभा यात्रा में पुलिस बल साथ रहा। सुरक्षा व्यवस्था की कमान इंस्पेक्टर जगदीश चंद्र ने संभाली।
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