अंतिम समय में गोल गंवाने की भारतीय हॉकी टीम की छवि बदली: पूर्व महान खिलाड़ी जफर इकबाल 

अंतिम समय में गोल गंवाने की भारतीय हॉकी टीम की छवि बदली: पूर्व महान खिलाड़ी जफर इकबाल 

नई दिल्ली। पूर्व महान खिलाड़ी जफर इकबाल का मानना ​​है कि लगातार दूसरे ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद यह आम धारणा बदल गई है कि भारतीय हॉकी टीम आखिरी क्षणों में गोल खा जाती है और हरमनप्रीत सिंह की अगुआई वाली टीम सभी पहलुओं में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है। मॉस्को ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य और 1982 एशियाई खेलों में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान रहे इकबाल को तोक्यो और पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक के बाद देश में इस खेल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। 

इकबाल ने हॉकी इंडिया की विज्ञप्ति में कहा, ‘‘पहले आम धारणा यह थी कि भारत एक ऐसी टीम है जो खेल आखिरी चरण में गोल खाती है लेकिन अब यह बदल गया है। हम सभी पहलुओं में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समय में हॉकी के बहुत सारे प्रशंसक थे। नेहरू गोल्ड कप, एशियाई खेल और अन्य अंतरराष्ट्रीय मैच जैसी प्रतियोगिताओं ने बहुत सारे समर्थकों को आकर्षित किया और हम जिन विशाल स्टेडियमों में खेलते थे, उनमें हमेशा उत्साह देखने को मिलता था।’’ 

मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 23 और 24 अक्टूबर को भारत और जर्मनी के बीच खेले जाने वाले दो मैचों के बारे में इकबाल ने कहा, ‘‘जर्मनी एक कड़ी टीम है। हमने तोक्यो ओलंपिक में उन्हें हराकर कांस्य पदक जीता था और हाल ही में पेरिस में सेमीफाइनल में उनसे हार गए थे इसलिए मुझे यकीन है कि भारतीय टीम हमें उन पर जीत दिलाने के लिए उत्साहित होगी।’’ उन्हेंने कहा, ‘‘सुविधाएं शीर्ष स्तर की हैं और मुझे यकीन है कि मैच रोमांच से भरपूर होंगे।’’ हॉकी के एक अन्य दिग्गज हरबिंदर सिंह भी राष्ट्रीय राजधानी में बड़े मैचों की वापसी को लेकर उत्साहित हैं। 

हरबिंदर ने कहा, ‘‘1972 में मैंने आखिरी बार राष्ट्रीय टीम के लिए दिल्ली में हॉकी खेली थी। मुझे याद है कि शिवाजी स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था और प्रशंसक हमारी हौसलाअफजाई कर रहे थे।’’ टोक्यो ओलंपिक 1964 में स्वर्ण और 1968 में मैक्सिको तथा 1972 में म्यूनिख खेलों में कांस्य पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हरबिंदर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत और जर्मनी के बीच मुकाबले के लिए भी बहुत सारे प्रशंसक टीमों का उत्साह बढ़ाने के लिए मैदान में पहुंचेंगे। आखिरकार वे एक दशक के बाद उच्च स्तरीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले देखेंगे।’’ ओलंपिक रजत विजेता जर्मनी के खिलाफ मैचों के साथ अंतरराष्ट्रीय हॉकी एक दशक के बाद नयी दिल्ली में लौट रही है। भारत ने पिछली बार मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में जनवरी 2014 में हॉकी विश्व लीग फाइनल पुरुष का चौथे दौर का मुकाबला खेला था। 

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