Kanpur: लापरवाही में सचेंडी के एडिशनल इंस्पेक्टर निलंबित...दरोगा और सिपाही पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर सब्जी विक्रेता ने किया था सुसाइड
सचेंडी में सब्जी विक्रेता ने दोनों के खिलाफ लगाया था उत्पीड़न का आरोप
कानपुर, अमृत विचार। सचेंडी में रहने वाले सब्जी विक्रेता सुनील कुमार प्रजापति ने दरोगा और सिपाही पर उत्पीड़न और रुपये छीनने का आरोप लगाते हुए वीडियो बनाकर फांसी लगाकर जान दी थी। इस मामले की जांच कर रहे एडिशनल इंस्पेक्टर सचेंडी ने एफआईआर में फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
जिससे आरोपी दरोगा और सिपाही को क्लीनचिट मिल गई। इस पर एडिशनल इंस्पेक्टर सचेंडी अनूप सिंह को निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। मामले की पुनः विवेचना इंस्पेक्टर सचेंडी पंकज त्यागी करेंगे।
14 मई 2024 की रात सचेंडी निवासी सब्जी विक्रेता सुनील कुमार प्रजापति ने घर में फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। इससे पहले उसने वीडियो बनाकर दरोगा सत्येन्द्र कुमार यादव और सिपाही अजय कुमार यादव के खिलाफ उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उसने दोनों पर मुफ्त में सब्जी ले जाना और रुपये छीन लेने व मारपीट का आरोप लगाया था। अपनी मौत के लिए इन दोनों को जिम्मेदार ठहराया था।
सचेंडी पुलिस ने दरोगा सतेंद्र और सिपाही अजय के खिलाफ आत्महत्या के उकसाने की रिपोर्ट दर्ज की थी। बाद में अवैध वसूली की धारा का एफआईआर में इजाफा किया था। जिसकी विवेचना सचेंडी थाने के अतिरिक्त प्रभारी अनूप सिंह कर रहे थे। इस संबंध में डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में सब्जी विक्रेता के भाई ने एफआईआर कराई थी।
उसने मजिस्ट्रेट के सामने 164 के बयान में किसी तरह की कार्रवाई न किए जाने की मांग की थी। साथ ही विवेचक को यही शपथपत्र भी दे दिया था। विवेचक ने इसी के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। अधिकारी ने कहा उसकी सबसे बड़ी गलती यही थी कि मृतक के मृत्यु पूर्व बयान को अनदेखा किया। जबकि उससे बड़े किसी और सबूत की जरूरत ही नहीं थी। डीसीपी ने कहा कि इंस्पेक्टर सचेंडी को इस मामले में पुनः विवेचना सौंपी गई है।
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