बाराबंकी : राह ताकती रह गई नौनिहालों की आंखें, नहीं आईं मैम
दरियाबाद/ बाराबंकी,अमृत विचार। परिषदीय स्कूल में शिक्षकों के गैरहाजिर रहने का सिलसिला थम नहीं रहा है। अवकाश का बहाना हो या फिर नदारद रहकर शिकायत के बाद मेडिकल व आकस्मिक अवकाश दर्ज करने का कारनामा। इन सबके बीच बच्चों का भविष्य शिक्षक चौपट करने पर तुले हैं। हद तो तब हो गई जब वेतन कटौती की कार्रवाई के एक सप्ताह बाद ही हरितालिक तीज पर दूसरे समुदाय की एक शिक्षिका ने भी अवकाश ले लिया वहीं प्रधानाध्यापिका प्रशिक्षण में चली गई। बच्चे शिक्षकों के आने का इंतजार करते रहे, पर कोई नहीं आया। विद्यालय अवधि के बाद नौनिहाल घर लौट गए। अधिकारी, महिला अवकाश का बहाना करते रहें।
दरियाबाद के पूर्व माध्यमिक विद्यालय नियामतपुर में प्रधानाध्यापिका ममता आशु व सहायक उजमा उस्मानी की तैनाती है। शुक्रवार की सुबह विद्यालय के गेट पर खड़े होकर शिक्षाकाओं का इंतजार करते बच्चे दिखे। लेकिन सुबह के करीब 11 बजे तक कोई भी शिक्षिका बच्चों को शिक्षा प्रदान करने कक्षा में नही पहुंची। वहीं विद्यालय में बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे एक शिक्षक ने बताया की प्रधानाध्यापक ममता आंसू की विभागीय ट्रेनिंग चल रही है और सहायक अध्यापक उजमा उस्मानी हरि तालिका तीज की छुट्टी पर हैं।
विद्यालय में दोनों शिक्षक के न आने के कारण बच्चे पहुंचे पर विद्यालय अवधि के बाद वापस लौट गए। यह पहली बार नहीं है। बीते 31 अगस्त को भी कोई शिक्षिका विद्यालय नहीं पहुंची थी। जिस पर एक दिन का वेतन काटा गया था। खंड शिक्षा अधिकारी मनीराम वर्मा ने गोल मोल जवाब देकर बताया कि कजरी तीज पर महिलाओं का अवकाश था। विद्यालय का अचौक निरीक्षण किया जाएगा। वहीं ग्रामीणों में हरितालिका तीज पर गैर समुदाय की शिक्षिका के विद्यालय न आने की चर्चा है। ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं कि अगर महिलाओं की छुट्टी थी तो एक अन्य महिला को प्रशिक्षण में क्यों बुलाया गया।
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