बाराबंकी : बेपटरी शिक्षा व्यवस्था, खतरे में नौनिहालों का भविष्य
प्रधानाध्यापक आईं नहीं, सहायक शिक्षका हफ्ते में आती हैं दो बार
दरियाबाद/ बाराबंकी, अमृत विचार। सर्व शिक्षा अभियान की यह सच्चाई है। एक ओर रैली निकाल कर बच्चों को स्कूलों से जोड़ने का कार्य किया जाता है और दूसरी ओर शिक्षक वक्त पर विद्यालय में नहीं पहुंच रहे हैं। क्लास में ताले पड़े रहते हैं और बच्चे परिसर में धमा चौकड़ी मचाते दिखते हैं। ग्रामीण क्षेत्र में बच्चो को शिक्षा देने के सरकारी दावे खोखले नजर आ रहे है। शिक्षा के प्रति लापरवाह शिक्षिकाए विद्यालय नहीं पहुंची। तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से दूरभाष पर की है।
दरियाबाद शिक्षा क्षेत्र के कमपोजिट विद्यालय न्यामतपुर के जूनियर विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है। यहां पर ममता आंसू प्रधानाध्यापक हैं और उजमा उस्मानी सहायक अध्यापक के पद पर तैनात हैं। शनिवार को सुबह साढ़े दस बजे तक इस विद्यालय में कोई शिक्षिका नहीं पहुंची, तो इसका विरोध ग्रामीणों ने शुरु किया। गांव के ही हरिश्चंद्र ने जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से दूरभाष पर शिकायत की। वहां मौजूद बच्चों ने भी बताया कि ममता आंसू आज नहीं आई हैं।
जबकि उजमा उस्मानी हफ्ते में दो बार ही विद्यालय आती हैं। सरकार द्वारा सर्व शिक्षा अभियान के तहत बच्चों को पाठ्य पुस्तक, बैग, यूनिफार्म, छात्रवृत्ति और मध्याह्व भोजन तक उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन शिक्षकों की लापरवाही के चलते सरकार की ग्रामीण बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था बदहाल है। प्रधानाध्यापक ममता आंसू ने बताया कि अस्वस्थ होने के कारण उजमा को सूचना दे दी थी। मानव संपदा का ऐप काम नहीं कर रहा था। ग्राम प्रधान लाल बहादुर यादव ने बताया कई बार इसकी शिकायत की गई है, पर सुधार नहीं हो रहा है। खंड शिक्षाधिकारी मनीराम ने बताया कि वह पुलिस भर्ती ड्यूटी में हैं। शिकायत मिली है। कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जाएगा।
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