बदायूं: तमंचे की नाल पेट में घुसाकर हुई थी किशोर की हत्या, पिता से बदला लेने के लिए हिस्ट्रीशीटर ने बेटे को मार डाला

बदायूं: तमंचे की नाल पेट में घुसाकर हुई थी किशोर की हत्या, पिता से बदला लेने के लिए हिस्ट्रीशीटर ने बेटे को मार डाला
पुलिस की गिरफ्त में बच्चे की हत्या करने के चारों आरोपी।

बदायूं, अमृत विचार। थाना हजरतपुर क्षेत्र के गांव खिरकन नगला निवासी एक बच्चे की 31 मई को मौत हो गई थी। उसके पेट में गोल निशान था। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराया तो उसमें बच्चे की आंतें फटी हुई मिली थीं। पहले पुलिस हादसा मान रही थी कि साइकिल पर गिरने की वजह से बच्चे की मौत हुई होगी। लेकिन जांच में मामला हत्या का निकला। इस मामले में पुलिस ने एक हिस्ट्रीशीटर समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में पता चला कि हिस्ट्रीशीटर ने बच्चे के पिता से बदला लेने के लिए हत्या की थी। हादसा जताने के लिए उन्होंने गोली नहीं चलाई बल्कि बच्चे के पेट में तमंचा घुसाया था। जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को हत्याकांड का खुलासा करके चारों आरोपियों को जेल भेज दिया। इस मौके पर सीओ दातागंज केके तिवारी मौजूद रहे।

गांव निवासी रामगुलाम पुत्र महेंद्र खेती करके परिवार का पालन पोषण करते हैं। 31 मई को वह किसी काम से बदायूं शहर आए थे। कक्षा पांच में पढ़ने वाला उनका इकलौता 12 साल का बेटा कुलदीप बकरियां चराने खेत पर गया था। शाम लगभग छह बजे परिजनों को सूचना मिली कि कुलदीप का शव गांव के पास सड़क किनारे पड़ा है। परिजन मौके पर पहुंचे तो कुलदीप के पेट पर गोल निशान मिला और उसकी उंगलियां छिली हुई थीं। रामगुलाम ने गांव में रहने वाले कुछ लोगों पर हत्या करने का आरोप लगाया था। 

पुलिस ने अगले दिन शव का पोस्टमॉर्टम कराया। जिसकी रिपोर्ट में कुलदीप की आंतें और लीवर फटने की बात सामने आई थी। जबकि शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं थे। जिसके चलते तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक बृजेश सिंह ने माना कि कुलदीप की मौत साइकिल के हैंडिल पर गिरने से हुई होगी। रामगुलाम की तहरीर पर पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर ओमेंद्र, उमेश, पप्पू और धनवीर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन पुलिस रंजिश के चलते रिपोर्ट दर्ज कराने की बात मानकर एफआर लगाने की तैयारी में थी। 

वर्तमान एसएसपी डॉ. बृजेश कुमार सिंह के सामने मामला आया तो उन्होंने बच्चे के परिजनों से बात करके टीम से जांच कराई। टीम ने रिपोर्ट सौंपी तो एसएसपी ने सीओ दातागंज केके तिवारी, वर्तमान थानाध्यक्ष विक्रम सिंह को जांच करने को कहा। जांच में हत्या की पुष्टि हुई। पुलिस ने आरोपी ओमेंद्र पुत्र शिवराज, उमेश पुत्र राधेश्याम, पप्पू पुत्र राजाराम, धनवीर पुत्र शेखपाल को गिरफ्तार किया है।

एसपी सिटी अमित किशोर श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी ओमेंद्र हिस्ट्रीशीटर है। उसपर कई मुकदमे चल रहे हैं। आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्होंने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया है। आरोपियों को गिरफ्तार करने वालों में थानाध्यक्ष विक्रम सिंह, उपनिरीक्षक अनोज कुमार, हेड कांस्टेबिल कपिल कुमार, कांस्टेबिल रोहित कुमार व उदयपाल रहे।

पिता को सबक सिखाने के लिए की थी बच्चे की हत्या
पुलिस की पूछताछ में ओमेंद्र उर्फ आरेंद्र ने बताया कि उस पर कई मुकदमे चल रहे हैं और वह हिस्ट्रीशीटर भी है। वह मुकदमा की तारीख लेने के लिए कोर्ट नहीं जा पाता था तो कोर्ट से वांरट जारी होते थे। रामगुलाम मुखबिरी करके उसे पकड़वा देता था। वह रामगुलाम से परेशान हो गया था। तो उसने निर्णय लिया कि रामगुलाम को ऐसी चोट पहुंचाएं, जो वह जीवन भर न भूल पाए। उसने अपने तीनों साथियों के साथ मिलकर रामगुलाम के बेटे की हत्या करने की योजना बनाई। 

31 मई दोपहर उन्हें गांव के बाहर तालाब के पास नीम के पेड़ के नीचे को कुलदीप बैठा मिला। गांव में आवाज जाने की वजह से उन्होंने कुलदीप को गोली नहीं मारी। जिसके चलते तमंचे की नाल से कुलदीप के सीने पर जोर से दबा दी। उसके दो साथियों ने कुलदीप के हाथ-पैर पकड़े थे जबकि तीसरे साथी ने कुलदीप का मुंह बंद किया था। हिस्ट्रीशीटर ने गांव गड़रिया नगला से गुजर रही नहर के पास से तमंचा बरामद कराया।

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