Etawah: सैफई विवि के पेसमेकर घोटाले में पुलिस ने मुख्य सप्लायर को पकड़ा...भ्रष्टाचार के मामले में ये आरोपी पहले ही जा चुका जेल

Etawah: सैफई विवि के पेसमेकर घोटाले में पुलिस ने मुख्य सप्लायर को पकड़ा...भ्रष्टाचार के मामले में ये आरोपी पहले ही जा चुका जेल

इटावा, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के बहुचर्चित पेसमेकर घोटाले में पुलिस ने एक और आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। यह आरोपी पेसमेकर घोटाले के मुख्य आरोपी डाॅ. समीर सर्राफ  को   अनावश्यक आर्बिट्रेरी परचेज, पेसमेकर धोखाधड़ी, गहन भ्रष्टाचार एवं अनावश्यक विदेश यात्राएं कराने में शामिल रहा है। 

एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि सात फरवरी 2022 को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डाॅ. आदेश कुमार द्वारा डॉ. समीर सर्राफ तत्कालीन असिस्टेंट प्रोफेसर कार्डियोलोजी विभाग सैफई इटावा के विरुद्ध अनावश्यक आर्बिट्रेरी परचेज, पेसमेकर धोखाधड़ी, अनावश्यक विदेश यात्राएं एवं गहन भ्रष्टाचार करके विश्वविद्यालय को लाखों रुपये के लोकधन की वित्तीय हानि तथा मरीजों को भी धोखाधड़ी का शिकार बनाये जाने के संबंध में  भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व धोखाधड़ी के मामले में पंजीकृत कराया गया था।  

जिसमें मुख्य आरोपी डॉ. समीर सर्राफ पुत्र जितेन्द्र कुमार को 7 नवंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी विवेचना अब सीओ शैलेंद्र प्रताप द्वारा की जा रही है। इस मामले में कई और लोगों के नाम प्रकाश में आए थे। रविवार को पुलिस गश्त कर रही थी, तभी मुखबिर ने सूचना दी कि एक आरोपी पीजीआई सैफई के गेट नबर तीन के पास खड़ा है। सूचना पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। 

पूछताछ में पकड़े गए आरोपी ने अपना नाम इन्द्रजीत कुमार पुत्र बाढूराम निवासी  निवासी सी-51 सहकार नगर मसवानपुर थाना कल्यानपुर जनपद कानपुर नगर मूल पता ग्राम लोहारपुर पोस्ट टन्डवा थाना तरवा जनपद आजमगढ़ बताया।   

पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह कृष्णा हेल्थ केयर जो बायोट्रेनिक कंपनी के पेसमेकर की आपूर्ति करती उसमें काम करता है। उसका काम है कि फर्म से पेसमेकर लेकर संबंधित चिकित्सक को उपलब्ध कराना है वर्ष 2018 से पीजीआई सैफई के डाॅ. समीर सर्राफ द्वारा मरीजों को नॉन एमआरआई पेसमेकर लगाकर एमआरआई  पेसमेकर का मूल्य मेरे माध्यम से परिजनों से वसूला गया। 

कंपनी के एमआरआई पेसमेकर का मूल्य लगभग दो लाख रुपये तथा नॉन एमआरआई पेसमेकर का मूल्य 80-90 हजार तक होता है। इस वसूली की अधिक धनराशि में से 10 प्रतिशत मुझे दिया जाता था और बताया कि उसके द्वारा डॉ. समीर सर्राफ को लगभग 70-80  पेसमेकर उपलब्ध कराये गये थे। पुलिस का आरोपी से पूछताछ में कुछ अन्य लोगों के नाम भी सामने आए है। उनकी तलाश की जा रही है। 

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