मांसाहारी भोजन लाने पर कार्रवाई मामले में AEEDU ने की योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जांच की मांग, जानें पूरा मामला

मांसाहारी भोजन लाने पर कार्रवाई मामले में AEEDU ने की योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर जांच की मांग, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस.वाई. कुरैशी की अध्यक्षता वाले एक नागरिक संस्था ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अमरोहा स्थित एक निजी स्कूल के छात्र को टिफिन में मांसाहारी भोजन लाने के आरोप में निकाले जाने के मामले की जांच कराने और सुधारात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया। 

‘एलायंस फॉर इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट ऑफ द अंडरप्रविलेज्ड’ (एईईडीयू) ने शनिवार को आदित्यनाथ को लिखे पत्र में कहा कि ऐसे समय में जब पूरा देश, धर्म और भाषा से परे, चाहता है कि वंचितों को शिक्षा मिले, उत्तर प्रदेश के अमरोहा से कथित तौर पर एक चौंकाने वाली खबर आई है, जिसमें एक स्कूल के प्रधानाध्यापक ने मांसाहारी भोजन लाने के आधार पर एक छात्र को निकाल दिया। 

एईईडीयू ने कहा, ‘‘खबरों में दावा किया गया है कि प्रधानाध्यापक ने पहले ही बच्चे को निकाल दिया है, और जो वीडियो प्रसारित हो रहा है, उसने हम सभी को परेशान कर दिया है क्योंकि इसमें प्रधानाध्यापक अनुचित टिप्पणी करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो पद पर आसीन व्यक्ति के लिए अनुचित है। हमारे विचार में, यह संविधान में निहित सभी के लिए समानता के मूल सिद्धांत का उल्लंघन करता है, साथ ही जरूरतमंदों को शिक्षा प्रदान करने के नैतिक ढांचे का भी उल्लंघन करता है।’’ 

पत्र में कहा गया, ‘‘इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया मामले की जांच करवाएं और कानून के अनुसार उचित सुधारात्मक कार्रवाई करें।’’ सात सितंबर को लिखे गए इस पत्र पर एईईडीयू के अध्यक्ष कुरैशी, एईईडीयू के संरक्षक और पूर्व केंद्रीय मंत्री के. रहमान खान, एईईडीयू के उपाध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, एईईडीयू के पूर्व अध्यक्ष जमीरुद्दीन शाह, एईईडीयू के सचिव और पूर्व सांसद शाहिद सिद्दीकी और एईईडीयू के कोषाध्यक्ष सईद मुस्तफा शेरवानी के हस्ताक्षर हैं। 

पत्र में कहा गया है कि एईईडीयू भारत के हाशिए पर पड़े समुदायों, विशेषकर अल्पसंख्यकों के बीच आधुनिक शिक्षा और सुधारों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। पत्र में कहा गया, ‘‘हमारे सदस्य शिक्षा के लिए सामाजिक जागरूकता फैलाने को लेकर पूरे देश में यात्रा कर रहे हैं। हम इस बात की सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आपने कई अवसरों पर अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।’’ 

अमरोहा में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह घटना बृहस्पतिवार को हिल्टन कॉन्वेंट स्कूल में हुई। हालांकि पुलिस में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई, लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) विष्णु प्रताप सिंह ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है। स्कूल के प्रधानाध्यापक अवनीश कुमार शर्मा ने दावा किया कि मुस्लिम समुदाय से आने वाला लड़का स्कूल में धार्मिक टिप्पणियां करता था और हर दिन मांसाहारी खाना लाता था। 

प्रधानाध्यापक और लड़के की मां के बीच तीखी बहस का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया मंच पर सामने आया है। बच्चे की मां द्वारा बनाए गए वीडियो में प्रधानाध्यापक ने दावा किया कि लड़का अपने दोस्तों से कहता है कि वह उन्हें ‘‘इस्लाम में परिवर्तित कर देगा’’ और उन्हें मांसाहारी भोजन देता है। प्रधानाध्यापक ने यह भी कहा कि लड़के का नाम रजिस्टर से हटा दिया गया क्योंकि उसके कुछ सहपाठियों के अभिभावकों ने उसके बारे में शिकायत की थी। 

महिला ने अपने बेटे के लिए मांसाहारी भोजन देने की बात से इनकार किया, लेकिन प्रधानाध्यापक को यह कहते हुए सुना गया कि लड़के ने पुष्टि की है कि वह स्कूल में मांसाहारी भोजन लेकर आया था। सिंह ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। डीआईओएस ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जांच समिति में जिले के दो माध्यमिक विद्यालयों के दो प्रधानाचार्य और एक राजकीय उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक शामिल हैं।’’   

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