निष्कासन के दौरान वेतन भुगतान मामले में काम नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत अस्वीकार्य :हाईकोर्ट 

निष्कासन के दौरान वेतन भुगतान मामले में काम नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत अस्वीकार्य :हाईकोर्ट 

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बर्खास्तगी की अवधि के दौरान राज्य सरकार के कर्मचारियों के वेतन और भत्ते की पात्रता पर विचार करते हुए कहा कि बर्खास्तगी या निष्कासन के आदेश को रद्द करने के बाद बहाली पर कर्मचारियों को उस अवधि के लिए पूरे वेतन और भत्ते से वंचित नहीं किया जा सकता है, जब तक वह सेवा में नहीं था। ऐसी स्थिति में "काम नहीं तो वेतन नहीं" का सिद्धांत लागू नहीं होता है। बर्खास्तगी और निष्कासन के दौरान सरकारी कर्मचारियों को उनके वेतन और भत्ते से वंचित करने की एकमात्र परिस्थिति का जिक्र नियम 54(8) में किया गया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय की एकलपीठ ने दिनेश प्रसाद की याचिका को स्वीकार करते हुए पारित किया। 

दरअसल याची उत्तर प्रदेश पुलिस में अनुचर (फॉलोवर) के रूप में कार्यरत था। उत्तर प्रदेश पुलिस अधीनस्थ अधिकारी (दंड एवं अपील) नियम 1991 के नियम 14 के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही के बाद उन्हें अपने अधिकारियों को सूचित किए बिना तथा अनुमोदित अवकाश के बिना ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के आरोप में 9 जनवरी 2020 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि उनकी अपील को पुलिस उपमहानिरीक्षक, गोरखपुर परिक्षेत्र ने स्वीकार कर लिया और उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर 29 सितंबर 2020 को पुनः सेवा में बहाल कर दिया गया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक, देवरिया ने 18 जनवरी 2024 को याची को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया,जिसके बाद उन्हें "काम नहीं तो वेतन नहीं" सिद्धांत के आधार पर बर्खास्तगी की अवधि का वेतन भुगतान नहीं किया गया। 

कोर्ट ने मामले पर विचार करते हुए कहा कि विपक्षियों द्वारा यह सिद्ध नहीं किया गया है कि याची जिस अवधि में सेवा से बाहर था, उस दौरान वह कहीं और किसी रोजगार के माध्यम से जीविकोपार्जन कर रहा था। अतः नियम 54(2) और 54(3) के अनुसार याची उस अवधि के लिए पूर्ण वेतन और भत्ते का हकदार था, जब उसे सेवा से बाहर किया गया था। अंत में कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक, देवरिया द्वारा पारित आदेश को रद्द करते हुए याची को उक्त अवधि के लिए पूर्ण वेतन और भत्ते के साथ-साथ 6 प्रतिवर्ष की दर से साधारण ब्याज और याचिका की लागत के रूप में 25 हजार रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया।

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