बाराबंकी : फसल का अनुभवी किसान स्वयं एक वैज्ञानिक- सीडीओ
कोठी/ बाराबंकी, अमृत विचार। विकास खंड सिद्धौर क्षेत्र की ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर चंदी सिंह स्थित सुजाता इंटर कॉलेज परिसर में मक्का विकास योजना के अंतर्गत जनपद स्तरीय गोष्ठी एवं किसान मेला का आयोजन किया गया।
गुरुवार को आयोजित जनपद स्तरीय गोष्ठी में किसानों को उत्पादन बढ़ाने की विधि पर विस्तृत चर्चा की गई। मुख्य विकास अधिकारी अन्ना सुदन ने किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि आज से लगभग 400 साल पहले हमारे पूर्वज खेती किस तरह से करते थे, उसके बाद से आज तक कितने बदलाव हुए हैं और लगातार उत्पादन बढ़ाने को लेकर नई-नई तकनीक के अपनाई जा रहे हैं। एक तरह से किसान खुद ही वैज्ञानिक होता है क्योंकि फसल लगाने के बाद किसान ही समझता है कि अब उसे कब फसल में पानी और हाथ दवा का छिड़काव करने की आवश्यकता है लेकिन जो भी नई चीज निकल कर आती हैं उसे प्रयोग कर अनुभव करना भी अनिवार्य होता है।
जैसे आज के युग में रासायनिक खादों के प्रयोग से जो भी अनाज उत्पन्न होता है उसे नई-नई बीमारियां भी उत्पन्न हो रही। उन्होने प्राकृतिक खेती करने के लिए भी प्रेरित किया। जिला कृषि अधिकारी राजित राम वर्मा ने बताया कि डीएपी एनपीके खाद के प्रयोग से मिट्टी की मृदा शक्ति भी कमजोर हो रही है इसलिए ज्यादातर किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाना चाहिए। उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार ने बताया कि जिस प्रकार शरीर को संपूर्ण भोजन की आवश्यकता होती है उसी प्रकार जीवामृत घन जीवामृत डालने से जमीन को सभी पोषण मिल जाते हैं।
गोष्ठी में स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, मत्स्य विभाग, आजीविका मिशन, बलरामपुर व हैदरगढ़ चीनी मिल, इफको द्वारा स्टाल लगाकर लोगों को जागरूक किया गया। इस मौके पर सिद्धौर ब्लॉक प्रमुख आरती रावत खंड विकास अधिकारी पूजा सिंह पूर्व सांसद आनंद प्रकाश गौतम किसान यूनियन जिला अध्यक्ष रामबरन वर्मा ग्राम प्रधान सरोजनी देवी प्रधान प्रतिनिधि सुरेंद्र कुमार वर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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