बरेली: भूमाफिया की है नजर... 140 साल पुराने अनाथालय को बचा लें मुख्यमंत्री जी, जिला सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष ने लिखा पत्र

गुरुकुल खोलने के बहाने अनाथालय को बंद कर करने की साजिश के खिलाफ उठने लगी आवाज

बरेली: भूमाफिया की है नजर... 140 साल पुराने अनाथालय को बचा लें मुख्यमंत्री जी, जिला सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष ने लिखा पत्र

बरेली, अमृत विचार। शहर के बीच करीब 360 करोड़ कीमत की जमीन पर चल रहे आर्य समाज अनाथालय को बंद किए जाने की कोशिशों के खिलाफ आवाज उठनी शुरू हो गई है। जिला सहकारी संघ के पूर्व अध्यक्ष महेश पांडेय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि अनाथलय की बेशकीमती 42 बीघा जमीन पर भूमाफिया की नजर है। उन्होंने अनाथ और बेसहारा बच्चों को 140 साल से आश्रय देते आ रहे इस अनाथालय को बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया है।

पत्र में कहा गया है कि अनाथालय में अब तक निराश्रित लड़के-लड़कियों के भरण-पोषण के साथ उन्हें शिक्षा भी मुहैया कराई जाती रही है लेकिन अब भूमाफिया इसकी बेशकीमती जमीन को खुर्दबुर्द करने के लिए साजिश रच रहे हैं। आरोप है कि भूमाफिया को प्रशासन के अधिकारियों का भी संरक्षण मिला हुआ है। समाज कल्याण विभाग, जिला प्रोबेशन अधिकारी और कलेक्ट्रेट के रिकार्ड रूम से अनाथालय से संबंधित कई अहम दस्तावेज गायब करा दिए गए हैं।

महेश पांडेय ने पत्र में मूल दस्तावेजों को गायब करने के बाद कूट और कपट से फर्जी दस्तावेज तैयार कर अनाथालय की संपत्तियां खुर्दबुर्द किए जाने की आशंका जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनाथालय की जमीन को सुरक्षित और उसे बंद न होने देने का आग्रह किया है।

आठ साल की बच्ची से छेड़खानी मामले में प्रधान के खिलाफ हो दोबारा विवेचना
किला इलाके में रहने वाले अवधेश चंद्र मांगलिक ने भी मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर आर्य समाज अनाथालय के प्रधान ओमकार आर्य के खिलाफ आठ साल की बच्ची से छेड़खानी करने के मामले में दंड प्रक्रिया संहिता के प्रावधानों के तहत दोबारा विवेचना कराने की मांग की है। उन्होंने यह पत्र प्रमुख सचिव गृह, डीजीपी और एसएसपी को भी भेजा है। 

अवधेश ने कहा है कि अनाथालय में यह घटना 31 जुलाई 2023 को हुई थी जिसे प्रबंध समिति के पदाधिकारी और कर्मचारी दो महीने तक छिपाए रहे। कमेटी ने खुद फर्जी जांच कर प्रधान को दोषमुक्त भी बता दिया। पीड़ित बच्ची के प्रार्थनापत्र के साथ सीसीटीवी फुटेज, उसके अपने साथ हुई घटना के संबंध में दिए गए स्पष्ट बयान को अनदेखा कर दिया गया। 

इसकी रिपोर्ट लिखाई गई लेकिन इतनी देरी से कि आरोपी को इसका अनुचित लाभ मिल सके। आरोपी के अधीनस्थ कर्मचारियों के बयान लेकर जमानत प्रक्रिया को प्रभावित किया गया। इसके बाद पुलिस के विवेचनाधिकारी ने मोटी रिश्वत लेकर आरोपी को संरक्षण देने वाले अनाथालय के पदाधिकारियों और कर्मचारियों को आरोपपत्र में बचा दिया और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ भी की गई। उन्होंने पीड़ित मासूम को न्याय दिलाने के लिए दोबारा विवेचना के साथ अनाथालय के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के नाम भी आरोप पत्र में शामिल करने की मांग की है।

साजिश की पोल खुली तो पलटी मारी, बोले- अनाथालय बंद करने की योजना नहीं
आर्य समाज अनाथालय के प्रधान ओमकार आर्य ने 8 जून को दावा किया था कि अनाथालय का स्वरूप बदलकर वहां गुरुकुल बनाया जाएगा। इसकी तैयारी शुरू कर अनाथालय को खाली कराया जा रहा है लेकिन अब इस साजिश की पोल खुलने के बाद प्रबंध कमेटी पलटी मारने लगी है। बुधवार को अनाथालय प्रबंध कमेटी के मंत्री विनय सक्सेना ने लिखित बयान जारी कर बताया कि अनाथालय को बंद करने का कोई विचार नहीं है। सिर्फ बालगृह के बजाय यहां अभावग्रस्त और आर्थिक पिछड़े बच्चों के लिए आवासीय विद्यालय बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

इन सवालों के नहीं दिए जवाब

1- अनाथालय बंद करने की योजना नहीं है तो यहां रह रही तमाम लड़कियों से एग्रीमेंट कर उन्हें क्यों निकाला गया।
2- एक साल पहले अनाथालय में 60 से ज्यादा अनाथ लड़के-लड़कियां थे, वे कहां गए। नए बच्चों का दाखिला क्यों नहीं लिया जा रहा।

3- महिला कल्याण विभाग में अनाथालय का रजिस्ट्रेशन दिसंबर 2022 में खत्म हो गया था, इसे दोबारा क्यों नहीं कराया गया।
4- अनाथालय में फिलहाल रह रही तीन अनाथ लड़कियों को क्यों 30 जून तक अनाथालय खाली करने की चेतावनी दी गई है।

अलग-अलग उम्र के 75 बच्चों का था पंजीकरण
अनाथालय का महिला कल्याण विभाग में किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत पंजीकरण जरूरी होता है। पिछली बार कराए गए पंजीकरण के ब्योरे के मुताबिक अनाथालय की क्षमता 10 साल से कम के 25 बालक- बालिका, 10 से 18 साल के 25 बालक और 10 साल से 18 साल की 25 बालिकाएं रखने की थी। पिछला पंजीकरण दिसंबर 2017 से दिसंबर 2022 तक के लिए था। इसके बाद प्रबंध कमेटी ने पंजीकरण नहीं कराया।

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