Lucknow University: "एक स्वस्थ और सुखी जीवन जीने का माध्यम है योग"

Lucknow University:

लखनऊ, अमृत विचारः लखनऊ विश्वविद्यालय में आज 10 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इसमें एक हजार से अधिक छात्र, शिक्षणेत्तर कर्मचारी और शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर आज के दिन को योग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और इसके महत्व को दिखाने के लिए पूरी दुनिया के लोग एक साथ 21 जून को योग करते हैं। इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘महिला सशक्तिकरण के लिए योग’है।  यह महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ाने पर केंद्रित है। योग दिवस पर योगा के शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक महत्व से लोगों को अवगत कराने का प्रयास किया जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी  लखनऊ विश्वविद्यालय के परांजपे पवेलियन ग्राउंड में सामूहिक रूप से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाया गया।

मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक 

बता दें, योग एक प्राचीन अभ्यास है. इसकी उत्पत्ति पांच हजार वर्ष पहले भारत में हुई थी। योग शब्द का जन्म संस्कृत भाषा से हुआ है। इसका अर्थ है जुड़ना या फिर एकजुट होना है। अपने नाम के मुताबिक, योग से शरीर और चेतना का मिलान होता है। नियमित योग शारीरिक स्वास्थ्य, शारीरिक लचीलापन, शक्ति और मुद्रा को बढ़ाता है। योग के नियमित अभ्यास से उच्च रक्तचाप, मधुमेह और गठिया जैसी बीमारियों से राहत मिलती है। योग मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है. योग तनाव, चिंता और अवसाद को कम करके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करता है। योग आत्म-जागरूकता, सचेतनता और आंतरिक शांति को प्रोत्साहित करता है।

योग के प्रमुख अंगों में यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि शामिल हैं। ये सभी अंग मिलकर योग को पूर्ण बनाते हैं और इसके माध्यम से हम शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शांति प्राप्त कर सकते हैं। आज के आधुनिक जीवन में, हम सभी तनाव, चिंता, और शारीरिक बीमारियों से ग्रस्त हैं। हमारी दिनचर्या अत्यंत व्यस्त हो गई है और हमारे पास अपने स्वास्थ्य के लिए समय निकालना मुश्किल हो गया है। ऐसे में योग एक अद्भुत साधन है जो हमें शांति और स्वास्थ्य प्रदान कर सकता है। 

कुछ प्रमुख योग आसन जो सामूहिक योग के दौरान किए गए :


 -ताड़ासन (Mountain Pose): यह आसन हमारे शरीर की मुद्रा को सुधारता है और रीढ़ को सीधा करता है। 

-वृक्षासन (Tree Pose): यह संतुलन और एकाग्रता को बढ़ाता है। 

-भुजंगासन (Cobra Pose): यह पीठ और रीढ़ की हड्डियों को मजबूत करता है। 

-प्राणायाम (Breathing Exercises): यह हमारी सांसों को नियंत्रित करने में मदद करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।

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योग का नियमित अभ्यास करने से हमें अनगिनत लाभ प्राप्त हो सकते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार के साथ-साथ यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। योग से मन की एकाग्रता बढ़ती है, आत्मविश्वास में वृद्धि होती है, और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से निपटने में सहायता मिलती है। योग केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। यह समाज और विश्व के लिए भी महत्वपूर्ण है। जब हम व्यक्तिगत रूप से स्वस्थ और शांत होंगे, तो हम समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकते हैं और विश्व में शांति और सौहार्द्र को बढ़ावा दे सकते हैं। 

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में स्वीकार कर लिया। तब से हर वर्ष 21 जून को हम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाते हैं, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं और योग के प्रति जागरूकता फैलाते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री, प्रो. नवजीवन रस्तोगी तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. दिलीप अग्निहोत्री, राज्य सूचना आयुक्त, पीएन द्विवेदी आदि सामूहिक योगाभ्यास में सम्मिलित थे। अंत में डीन योग संकाय द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया और राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई।

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