लखीमपुर-खीरी: गोला रेंज के सिकंदरपुर नाले में मिला बाघ का शव, अधिकारियों में मचा हड़कंप  

लखीमपुर-खीरी: गोला रेंज के सिकंदरपुर नाले में मिला बाघ का शव, अधिकारियों में मचा हड़कंप  

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गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचारः गोला रेंज की सिकन्दरपुर वीट में बरौछा नाले में बाघ का शव बरामद हुआ है। चरवाहों की सूचना पर पहुंचे वन अधिकारियों ने जांच पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

सिकंदरपुर बीट के बरौंछा नाले में बाघ का शव पड़ा होने की ग्रामीणों और स्थानीय वन कर्मियों से सूचना मिलने पर प्रभागीय वनाधिकारी दक्षिण खीरी संजय कुमार बिश्वाल, वन क्षेत्राधिकारी संजीव कुमार तिवारी मौके पर दलबल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। तत्काल बाघ के शव को नाले से बाहर निकालवाया।

उन्होंने दुधवा टाइगर रिजर्व के फील्ड डाइरेक्टर ललित वर्मा, एवं उप निदेशक लखीमपुर को घटना की जानकारी दीै। अधिकारियों का कहना है कि संयुक्त रूप से किये गये परीक्षण में वयस्क बाघ के सभी अंग सुरक्षित पाये गयेे हैं। शरीर पर कोईे चोट या हमले के निशान नहीं मिले हैं।

अधिकारियों का अनुमान है कि पानी पीने के लिये नाले में जाते समय डाल और खर पतवार में फंस जाने, शरीर में पानी का स्पर्श होने से ठंड में मौत हुई होगी। बाघ की मृत्यु का कारण उसकी आयु को पूर्ण होना प्रतीत हुआ है। शव को पशु चिकित्सकों एवं वन्यजीव विषेषज्ञों की टीम का गठन कर पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जा रही है। रेंजर श्री तिवारी ने बताया कि वन्यजीवों की सुरक्षा के दृष्टिगत वन कर्मियों की टीम का गठन कर वन क्षेत्र की सघन कांबिग करायी जाएगी।

फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा ने बताया कि बाघ की अनुमानित उम्र 8 वर्ष है। उसके नाखून और दांत सही है। मौत वास्तविक कारण सुबह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा---ललित वर्मा फील्ड डाइरेक्टर दुधवा टाइगर रिजर्व।

वन्य जीवों के प्रति गंभीर नहीं हैं वनकर्मी  पहले भी मिल चुके हैं वन्य जीवों के शव 
दुधवा टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों की हो रही निरंतर मौतों पर वन्यजीव विशेषज्ञ चिंतित हैं लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इनकी सुरक्षा के बंदोबस्त नहीं करा पा रहे हैं, जिससे कम उम्र के बाघ एवं तेेंदुआ असमय काल के गाल में समा रहे हैं। 

दुधवा टाइगर रिजर्व अंतर्गत मोहम्मदी महेशपुर, मैलानी और गोला रेंज में बाघ विचरण कर कभी कभार घटनाएं भी कर देते हैं। लोगों का मानना है कि वनकर्मी केवल खानापूर्ति के लिये कांबिंग करते हैं, जो वन्य जीवों को जंगल में खदेड़ने का प्रयास नहीं करते हैं। इसी वजह से भूख या प्यास से इन वन्य जीवों की मौत हो रही है।

21 अप्रैल 2023 को मैलानी रेंज की सलेमपुर बीट में दो से तीन वर्षीय बाघ का शव मिला था, जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंदरूनी अंग फेल होना और आंत में हड्डी फंसने से बाघ की मौत की पुष्टि हुई थी। चार जून 2023 को रामपुर ढकैया गांव में बाघिन की मौत हुई।

अगले दिन पांच जून 2023 को गोला रेंज के गदियाना में तेंदुए का शव बरामद हुआ था। नौ जून को किशनपुर सेंक्चुरी की मैलानी रेंज के तालाब में बाघ का शव पड़ा मिला था। इतना सब होने के बाद भी बाघ और तेंदुआ की असमय मौत को रोक पाने में वन विभाग के अधिकारी असफल हैं। हालांकि इस बार उत्तर प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ने इस घटना की जांच कराने के निर्देश दिये हैं।

गोला रेंज में वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति उनका स्टाफ गंभीर है। सिकंदरपुर बीट में बाघ की चहलकदमी की जानकारी मिलने पर उन्होंने क्षेत्रीय वन कर्मियों को एलर्ट कर दिया था, जो निरंतर निगरानी कर रहे थे। इसीलिये काफी दिनों से वन्यजीवों के हमले की कोई घटना नहीं हुई है---संजीव कुमार तिवारी वन क्षेत्राधिकारी गोला गोकर्णनाथ। 

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