प्रयागराज : वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शुआट्स के प्रति कुलपति की याचिका पर सुनवाई टली
अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने शिक्षकों की नियुक्तियों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप में सैम हिगिनबॉटम विश्वविद्यालय और प्रौद्योगिकी और विज्ञान, नैनी, प्रयागराज के प्रतिकुलपति डॉ. प्रोफेसर सर्वजीत हरबर्ट और कार्यालय अधीक्षक अशोक संदीप सिंह के मामले की सुनवाई टाल दी है।
याचियों के खिलाफ दिवाकर नाथ त्रिपाठी नामक व्यक्ति द्वारा शुआट्स में प्रोफेसरों, सहायक प्रोफेसरों, एसोसिएट प्रोफेसरों की अवैध रूप से और नियमों के विपरीत नियुक्तियों के संबंध में 2 फरवरी 2023 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 13 (1) (बी) के तहत थाना नैनी, प्रयागराज में मामला दर्ज कराया गया था। उपरोक्त प्राथमिकी को रद्द करने की मांग लेकर याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर गत बुधवार को सुनवाई ना हो सकी। मामले की सुनवाई आगामी 31 मई को न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा की एकलपीठ के समक्ष होगी।
शिकायतकर्ता की शिकायत के फलस्वरुप उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग द्वारा जारी पत्र एवं वित्त विभाग के पत्र के माध्यम से निदेशक, स्थानीय निधि लेखापरीक्षा द्वारा जांच की गयी। इस जांच से पता चला कि 1984-2017 की अवधि के दौरान 69 प्रोफेसरों, सहायक प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसरों को स्थापित मानदंडों के विपरीत नियुक्त किया गया था।
इन नियुक्तियों में न्यूनतम योग्यता के मानदंड का पालन नहीं किया गया था। इसके साथ ही दो समाचार पत्रों में पदों का विज्ञापन नहीं दिया गया था। विज्ञापनों में आवेदन करने की अवधि निर्दिष्ट नहीं की गई थी। साक्षात्कार बुलावा पत्र जारी नहीं किए गए थे और चयन किए जाने के बाद परिणाम प्रकाशित नहीं किए गए थे। कुछ नियुक्तियां आवेदन आमंत्रित किए बिना भी की गईं। यह भी आरोप लगाया गया है कि नियोजित तरीके से अयोग्य व्यक्तियों को अवैध लाभ प्रदान किया गया।
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