कारनामा: पूर्व मंत्री ने की थी धान खरीद में करोड़ों के घोटाले की शिकायत, अफसरों ने हवा में जांच कर बना दी रिपोर्ट 

शिकायत के तुरंत बाद हुई जांच और अगले दिन ही सौंप दी गई रिपोर्ट

कारनामा: पूर्व मंत्री ने की थी धान खरीद में करोड़ों के घोटाले की शिकायत, अफसरों ने हवा में जांच कर बना दी रिपोर्ट 

हरदोई, अमृत विचार। अफसरों की बाज़ीगरी फिर सामने आ गई। पहले तो 'आम' लोगों के साथ खेल किया जाता था,लेकिन अफसरों ने अब तो 'खास' को भी नहीं छोड़ा। दरअसल मामला कुछ यूं है कि विधायक व पूर्व मंत्री रामपाल वर्मा ने 2022-23 में हुई धान खरीद में करोड़ों का घोटाला किए जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की,बस फिर क्या था, जैसे ही शिकायत सामने आई, अफसरों ने अपनी बाज़ीगरी दिखाने शुरू कर दी। सारा कुछ इतनी जल्दी हो गया कि खुद विधायक तक को पता नहीं चला। लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी शिकायत का हल ढूंढ लिया गया। इस पर भाजपा विधायक का कहना था कि उन्हें कुछ भी पता नहीं। किसी ने उनसे कुछ पूछा भी नहीं, फिर कैसे सब कुछ मैनेज कर लिया गया। इससे पता चलता है कि अफसरों को किसी का भी खौफ नहीं है।   

मामला 2022-23 में की गई धान खरीद का है। हरदोई की बालामऊ सीट से भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री रामपाल वर्मा ने 2 मार्च को मुख्यमंत्री से की शिकायत में बताया था कि किस तरह से धान खरीद के लिए खोले गए क्रय केंद्रों पर किस तरह फर्ज़ी खरीद की गई, बिचौलियों से खरीद कर किसानों की आड़ में उनका भुगतान हड़प कर लिया गया। पीएसएफ,पीसीयू और सहकारिता के नाम पर की गई खरीद में करोड़ों का बंदरबांट किया गया। नतीजतन किसानों को अपने धान मजबूरी में औने-पौने दामों में बेचना पड़े। भाजपा विधायक की इस शिकायत पर सन्न रह गए अफसर अपनी तिकड़म भिड़ाने लगे। 

विधायक ने जिस दिन शिकायत की, उसके अगले ही दिन यानी 3 मार्च को ही जांच बैठ गई और उसी दिन पीसीयू के ज़िला प्रबंधक ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी। रिपोर्ट में बता दिया गया कि माननीय ने जो शिकायत की थी,उसका उन्हें अब शिकवा नहीं रहा है। मतलब माननीय पूरी तरह से संतुष्ट है। लेकिन जब विधायक से इस बारे में पता किया तो उन्होंने साफ कह दिया कि उन्हें कुछ नहीं पता। इससे साबित हो गया कि अफसर कितनी आसानी से हर किसी को अपनी बाज़ीगरी का शिकार बनाने से नहीं चूकते हैं।


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