शाहजहांपुर में जानलेवा हमले के दोषियों को आजीवन कारावास, जुर्माना

शाहजहांपुर में जानलेवा हमले के दोषियों को आजीवन कारावास, जुर्माना

शाहजहांपुर, अमृत विचार: बेटे को घेर कर पीटने की शिकायत करने गई मां पर जानलेवा हमला कर फायर मारने के दो आरोपियों को दोषी पाते हुए विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी) गरिमा सिंह ने आजीवन कारावास व बीस-बीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

अभियोजन कथानक के अनुसार थाना कटरा क्षेत्र के गांव रसेवन निवासी पप्पू ने 28 अगस्त 2001 को थाना कटरा में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसे दिन के तीन बजे मारने की नियत से गांव के पप्पू ने घेर लिया, किसी तरह वह जान बचा कर भाग आया और घटना की जानकारी अपनी मां लड़ैता को दी।

लड़ैता उलाहना देने आरोपी पप्पू के घर गईं तो रक्षपाल व छोटेलाल ने कुरैटा कहते हुए जाति सूचक गालियां दीं व रक्षपाल ने बंदूक और छोटे ने तमंचे से लड़ैता पर जानलेवा हमला कर दिया। रक्षपाल की गोली लड़ैता के कूल्हे में लगी।

इस घटना की रिपोर्ट धारा 307 व 504 व अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)5 के तहत दर्ज की गई। विवेचना के बाद न्यायालय में छोटे लाल व रक्षपाल के खिलाफ हत्या के प्रयास व अनुसूचित जाति के उत्पीड़न का आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया।

 विचारण के दौरान न्यायालय में अभियोजन की ओर से वादी मुकदमा व पीड़िता सहित कुल पांच गवाह प्रस्तुत किए गए।बहस के दौरान विशेष लोक अभियोजक नरेश कुमार शर्मा व अभियुक्तों की ओर से अधिवक्ता राजीव वैश्य ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किये। न्यायालय ने अभियुक्त रक्षपाल व छोटे लाल को दोषी पाते हुए दोनों को आजीवन कारावास व बीस-बीस हजार रुपये अर्थ दंड से दंडित किया।

दुष्कर्म में एक आरोपी को 10 वर्ष, अपहरण में साथी को सात वर्ष की कैद
शाहजहांपुर, अमृत विचार: अपर सत्र न्यायाधीश/ त्वरित न्यायालय-द्वितीय कक्ष संख्या-24 के न्यायाधीश नरेंद्र नाथ पांडेय ने 11 दिसंबर 2022 में युवती का अपहरण कर दुष्कर्म के मामले में बदायूं के थाना बजीरगंज के गांव रोई निवासी रंजीत को 10 वर्ष के कठोर कारावास और तीस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। 

जबकि रंजीत के साथी थाना परौर के गांव खजुरी निवासी मोहित को अपहरण का दोषी पाए जाने पर उसे सात वर्ष के कारावास की सजा और दस हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। सुनाई है। मामले में शासकीय अधिवक्ता भावशील शुक्ला के तर्को से सहमत होते हुए दोष सिद्ध पाए जाने पर न्यायाधीश ने सजा सुनाई। पीड़िता को अर्थदंड की धनराशि में से 15 हजार रुपये क्षतिपूर्ति के तौर पर दिए जाने के आदेश दिए हैं।

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