लखनऊ: बुनकर का बेटा और मैकेनिक बने योगी सरकार में मंत्री, चरितार्थ हुआ सबका साथ, सबका विकास का नारा

लखनऊ: बुनकर का बेटा और मैकेनिक बने योगी सरकार में मंत्री, चरितार्थ हुआ सबका साथ, सबका विकास का नारा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नवगठित याेगी आदित्यनाथ सरकार में ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को चरितार्थ करते हुए समाज के सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित की गयी है। इसका नतीजा है कि शुक्रवार को शपथ ग्रहण करने वाली योगी सरकार में खांटी राजनीतिज्ञों के साथ एक बुनकर के बेटे और मैकेनिक को भी जगह …

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नवगठित याेगी आदित्यनाथ सरकार में ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे को चरितार्थ करते हुए समाज के सभी वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित की गयी है। इसका नतीजा है कि शुक्रवार को शपथ ग्रहण करने वाली योगी सरकार में खांटी राजनीतिज्ञों के साथ एक बुनकर के बेटे और मैकेनिक को भी जगह मिली है।

मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक मंत्री पद की शपथ लेने वाले बलिया निवासी दानिश आजाद साधारण परिवार से आते हैं और उनके पिता बुनकर हैं। वहीं, सीतापुर से पहली बार विधायक बनकर मंत्री पद की शपथ लेने वाले राकेश राठौर ‘गुरू’ पेशे से मकैनिक हैं और अपना वर्कशाप चलाते हैं।

इसी प्रकार योगी सरकार के मंत्रिमंडल में सर्वसमाज के प्रतिनिधित्व को भी ध्यान में रखा गया है। दलित समुदाय से आने वाली बेबीरानी मौर्य और भारतीय पुलिस सेवा की रौबदार नौकरी छोड़कर सियासत में आये असीम अरुण को मंत्री बनाया गया है। आगरा जिले की निवासी मौर्य, विधायक बनने से पहले उत्तराखंड की राज्यपाल थीं, जबकि असीम अरुण, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उत्तर प्रदेश के दोबारा मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ से प्रभावित होकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर भाजपा में शामिल हो गये।

चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल होने के समय तक वह कानपुर के पुलिस आयुक्त थे। वह कन्नौज सीट से विधायक चुने गये। बलिया के दानिश आजाद के पिता बुनकर हैं और साड़ियां बनाते हैं। युवा नेता दानिश आजाद अंसारी अभी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री हैं और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे हैं। वह लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। अंसारी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बलिया से और स्नातक की डिग्री लखनऊ से हासिल की है। दानिश आजाद अंसारी बलिया के बसंतपुर के रहने वाले हैं।

इसके अलावा भाजपा के टिकट पर पहली बार सीतापुर सदर से विधायक बने राकेश राठौर गुरू भी बेहद साधारण परिवार से आते हैं। राठौर की पहले सीतापुर में ही बैटरी की दुकान थी। बाद में उन्होंने आटो-वर्कशाप खोल लिया, जो अभी भी चल रहा है। राठौर मकैनिक का काम करते थे। इन्होंने बहुत लोगों को इस काम को सिखाया। इसलिए लोग उन्हें ‘गुरू’ कह कर पुकारने लगे और वह इसी उपनाम से इलाक में लोकप्रिय हैं।

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