बरेली: बालू का काला कारोबार, दावे पर सवाल

बरेली: बालू का काला कारोबार, दावे पर सवाल

बहेड़ी,अमृत विचार। नदियों का सीना चीरकर अवैध रूप से बालू का खनन करने वाले माफिया किस्म के लोगों पर शिकंजा कसने में नाकाम पुलिस ने इस बार फिर खेल कर दिया। प्रशासन का दावा है कि किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध खनन नहीं हो रहा, लेकिन बीते रात खनन में शामिल चार ट्रालियों को …

बहेड़ी,अमृत विचार। नदियों का सीना चीरकर अवैध रूप से बालू का खनन करने वाले माफिया किस्म के लोगों पर शिकंजा कसने में नाकाम पुलिस ने इस बार फिर खेल कर दिया। प्रशासन का दावा है कि किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध खनन नहीं हो रहा, लेकिन बीते रात खनन में शामिल चार ट्रालियों को पकड़ने के बाद पुलिस साठगांठ में लग गई।

इतना ही नहीं मंगलवार शाम तक लिखा पढ़ी तक नहीं की। चर्चा है कि एक नेता के दबाव में पुलिस मैनेज करने में जुटी है। दरअसल, हकीकत यह है कि बालू खनन रोकने को लोग जब पुलिस से शिकायत करते हैं तो कमाई में जुटी पुलिस उनकी आवाज दबाने का काम करती है।

इसलिए सोमवार की रात पुलिस को सूचना देने के बजाय किसी ने सीधे जिलाधिकारी को फोन कर खनन में शामिल ट्रालियों के फर्राटा भरने की शिकायत की। इसके बाद पुलिस हरकत में आई और लोधीपुर क्षेत्र से बालू भरकर आ रहीं चार ट्रालियां पकड़ लीं। लेकिन मौके से किसी को गिरफ्तार नहीं लिया।

जिम्मेदार भी मानतें हैं कि शासनादेश के अनुसार, सुबह से शाम पांच बजे तक ही वैध तरीके से बालू खनन तथा पटान कराए जाने का नियम है। लेकिल इस नियम की हमेशा से धज्जियां उड़ाई गई हैं। चंद दिनों पहले ही वन विभाग तिराहे से कुछ मीटर दूर एक बैंक्वेट हाल के सामने पड़े एक खाली प्लाट को रात के अंधेरे में पाट दिया गया था, लेकिन जिम्मेदारों ने करवट तक नहीं ली।

उधर, सोमवार रात जिन चार ट्रालियों को पुलिस ने कब्जे में लिया था,खबर लिखे जाने तक उसको लेकर कोई लिखा-पढ़ी पुलिस ने दर्ज नहीं की थी।

बिना ट्रैक्टर थाने कैसे पहुंच गईं ट्रालियां
इसे पुलिस की मिलीभगत न कहें तो और क्या कहें। बीती शाम फजीहत से बचने को पुलिस ने आला अधिकारियों तक मामला पहुंचने पर धरपकड़ कर मौके से चार ट्रालियां पकड़ी। इनको थाने लाया गया लेकिन आधी रात को ट्रालियां खींचकर ले जाने वाले ट्रेक्टर मैनेज कर गायब करा दिए।

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