काठगोदाम में कंकाल, कॉल आई लेकिन पहचान नहीं मिली

हल्द्वानी, अमृत विचार : कमेटिया बरसाती नाले में मिले नर कंकाल मामले में पुलिस ने देश के विभिन्न स्थानों में नर कंकाल से जुड़ी जानकारी भेजी। कई शहरों और राज्यों से फोन भी आए, लेकिन नर कंकाल की शिनाख्त नहीं हो सकी। पुलिस के पास भी कंकाल पर मिले कपड़ों से अलावा पहचान संबंधी अन्य सुबूत नहीं है। हालांकि काठगोदाम पुलिस डीएनए रिपोर्ट की भी मदद ले रही है।
बीती 5 मार्च को दमुवाढूंगा के वार्ड 37 और 36 के पीछे घने जंगल से गुजरे कमेटिया बरसाती नाले में नर कंकाल मिला था। घटना का पता तब लगा, जब स्थानीय लोग सुबह जंगल से लकड़ियां लेने गए थे। यहां मिला कंकाल जिसका भी था, उसका शरीर पूरी तरह नष्ट हो चुका था। सिर्फ कंकाल बचा था और कंकाल पर बचा था एक लोअर और एक टीशर्ट। कंकाल का कुछ हिस्सा भी बिखर चुका था। इस मामले में पुलिस की जांच लगातार जारी है। नर कंकाल की पहचान के लिए पुलिस डीसीआरबी, एससीआरबी और एनसीआरबी पर घटना से जुड़ी जानकारियां साझा की। इन तीनों प्लेटफार्म के जरिये दमुवाढूंगा में मिले नर कंकाल की जानकारी देश के सभी थानों तक पहुंची। जिसके बाद पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में देहरादून से ऐसे लोगों के फोन आए, जिनके अपने गुमशुदा थे।
पुलिस ने इन लोगों से कंकाल से जुड़ी जानकारी साझा की, लेकिन कोई शिनाख्त नहीं कर पाया। पुलिस का कहना है कि जिले के थानों में भी कंकाल से जुड़ी कोई मिसिंग रिपोर्ट दर्ज नहीं है। काठगोदाम थानाध्यक्ष दीपक बिष्ट का कहना है कि कंकाल का पूर्व में पोस्टमार्टम कराया जा चुका है। डीएनए रिपोर्ट भी मंगाई जा रही है।
बहकर आया या फिर हत्या कर फेंका गया शव
हल्द्वानी : कंकाल की हालत देख कर अंदाजा लगाया गया कि कंकाल कई महीनों पुराना होगा। संशय इस बात पर भी है कि क्या यह शव बहकर आया या फिर हत्या कर शव को नाले में फेंका गया। फिलहाल तो इस पर संशय बरकरार है। जहां तक बात कंकाल के कितना पुराना होने की है तो आशंका है कि पिछले साल हुई बरसात में यह शव बहकर आया होगा। क्योंकि पिछले साल बरसात में यह नाला उफान पर था।