बरेली: ‘विधायक जी आपको जीतना तो है नहीं, दूसरे को दिलवाएं टिकट’

बरेली, अमृत विचार। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ जनपद के एक विधायक काफी चर्चा में रहने लगे हैं। कुछ दिन पहले उनका भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष के बेटे के साथ फोन पर हुई गालीगलौज का ऑडियो खूब वायरल हुआ था। इसके बाद धान क्रय केंद्र को लेकर एक मंत्री के समर्थकों के बीच …
बरेली, अमृत विचार। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ जनपद के एक विधायक काफी चर्चा में रहने लगे हैं। कुछ दिन पहले उनका भाजपा के पूर्व मंडल अध्यक्ष के बेटे के साथ फोन पर हुई गालीगलौज का ऑडियो खूब वायरल हुआ था। इसके बाद धान क्रय केंद्र को लेकर एक मंत्री के समर्थकों के बीच टकराव को लेकर भी मामला चर्चा में रहा। अब रविवार को किसी ग्रुप की व्हाट्सएप चैट वायरल हो रही है जिसमें विधायक, दो भाजपा नेता के बीच व्हाट्सएप ग्रुप में हुई बातचीत की बातें लिखी हैं।
एक ब्राह्मण नेता ने विधायक को व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा कि इस बार भाजपा से किसी और को टिकट मिले, तब ज्यादा सही रहेगा। नहीं तो मजबूरी है वोट देना बीजेपी को ही है। इसके जवाब में विधायक लिखते हैं कि आपके विचार का स्वागत है, लेकिन आपको अपने संस्कारों के अनुरूप व्यवहार करना चाहिए।
भाषा पर नियंत्रण रखने से परिवार का मान सम्मान बढ़ेगा, मेरा नहीं। बाकी आपकी मर्जी है। इस चर्चा में एक अन्य साथी जुड़ते हुए लिखते हैं कि वैसे विधायक जी आपको जीतना तो है नहीं क्योंकि पिछली बार मोदीजी के भाग्य से आपके भी भाग्य खुल गए इसलिए जन भावनाओं का सम्मान करते हुए आपको राजनीति से हमेशा के लिए संन्यास ले लेना चाहिए, क्योंकि हमारे पूरे एरिया को तो पहले ही पानी में डुबो रखा है और अगर आप मोदी जी के भाग्य से पुन: जीत गए तो इस बात की पूरी उम्मीद है कि हमारे क्षेत्र में नावों की आवश्यकता पड़ने लगेगी, इसलिए किसी ऐसे व्यक्ति को टिकट दिलवाने में जुट जाओ जिसका जनता सम्मान करती हो, जो जनता के लिए कार्य कर सके। आपका और बीजेपी का शुभचिंतक।
इसके बाद ब्राह्मण नेता ग्रुप में लिखते हैं कि धन्यवाद विधायक जी आपने राय दी। मैंने आपके लिए अनुचित भाषा का प्रयोग तो कहीं पर किया ही नहीं है। यहां पर ग्रुप की चर्चा में पहले शामिल हुए नेता द्वारा लिखी बातों को पढ़ने के बाद ब्राह्मण नेता लिखते हैं कि बहुत सही बोला है आपने। इसके बाद वह नेता लिखते हैं कि हम तो सही ही बोल रहे हैं, लेकिन इस सच का लाभ तभी होगा, जब विधायक जी इसे दिल से समझेंगे। दोनों के शब्दों को पढ़ने के बाद विधायक लिखते हैं कि धन्यवाद मुझे घटिया बताने के लिए।