आठ वर्षों में बदली यूपी की किस्मत, GSDP हुई दो गुनी से अधिक: सीएम योगी

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि विपक्षी दलों की सरकारों के उदासीन रवैये से संसाधनों से भरपूर होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार सुस्त रही। वहीं, 2017 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आने के बाद प्रदेश में विकास का पहिया तेजी से घूमा है और देश की जीडीपी में प्रदेश की हिस्सेदारी 9.2 फीसदी हो चुकी है।
विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान योगी ने कहा कि देश का सबसे बड़ा राज्य और सबसे अधिक संसाधन होने के बावजूद 1950 से 2017 तक प्रदेश की जीएसटीपी 12.75 लाख करोड़ तक पहुंच सकी, जबकि 2017 में जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों पर विश्वास जताया और पिछले आठ वर्षों में प्रदेश की जीएसडीपी दोगुना से अधिक होकर 2024-25 में 27.51 लाख करोड़ होने जा रही है। देश की जीडीपी में 9.2 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ उत्तर प्रदेश, देश के अंदर दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023-2024 में देश की जीडीपी की वृद्धि दर 9.6 प्रतिशत है, जबकि उत्तर प्रदेश की वृद्धि दर 11.6 प्रतिशत रही है। 2016-2017 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 52,671 रुपये थी, वर्ष 2023-2024 में 93,514 रुपये है। 2016-17 में कुल राजस्व प्राप्तियां 02 लाख 56 हजार रुपये हुई थीं।
चालू वित्तीय वर्ष के जनवरी माह तक ही 04 लाख 10 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हो चुका है। यह निरंतर आगे बढ़ेगा। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। कर अपवंचन को रोका गया है। रेवेन्यू लीकेज को समाप्त किया गया है। बीते आठ वर्ष में एक भी नया टैक्स नहीं लगाया गया। प्रदेश में डीजल-पेट्रोल की दरें देश में सबसे कम हैं, बावजूद इसके उत्तर प्रदेश रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। यह सफलता रामराज्य की अवधारणा ही है।
उन्होंने रामचरितमानस के एक दोहे का हवाला देते हुए कहा, “बरसत हरसत सब लखें, करसत लखे न कोय, तुलसी प्रजा सुभाग से, भूप भानु सो होय।” अर्थात श्रीराम जी भरत जी से कहते हैं कि हमें प्रजा से कर ऐसे लेना चाहिए, जैसे सूर्य लेता है। जैसे सूर्य समुद्र, नदी, तालाब से पानी लेता है लेकिन किसी को पता नहीं चलता, लेकिन जब वह बादलों के रूप में जरूरत की जगहों पर बरसता है तो सबको पता चलता है। खासकर जब जरूरत की जगह पर बरसता है तो सभी खुश हो जाते हैं। इसी प्रकार, सरकार को कर इस तरह से लेना चाहिए कि किसी को पता न चले, पीड़ा न हो। लेकिन जब उसी टैक्स का इस्तेमाल जनता के हित में खर्च हो, जैसे हाइवे बनें, पुल बनें, स्कूल-कालेज बनें, अस्पताल बनें, तो सबको पता चले। हमारी सरकार यही भाव लेकर काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिजिटल क्रांति का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बनकर उभरा है। 2017-18 में यूपी में जहां 122.84 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हुए थे, वहीं 2024-25 में दिसंबर 2024 तक 1024.41 करोड़ डिजिटल ट्रांजैक्शन हो चुके हैं। यूपी डिजिटल लेनदेन अपनाने में नंबर एक है। आधे से अधिक लेन-देन यूपीआई से हुए। इसकी वजह डिजिटल बैंकिंग की आसान पहुंच, गांवों तक इंटरनेट, वित्तीय जागरूकता और उपकरणों की पर्याप्त संख्या है। उन्होंने कहा कि बैंकों की 20416 शाखाओं, 4,00,932 बैंक मित्र एवं बीसी सखी, 18,747 एटीएम और 4,40,095 बैंकिंग केंद्रों के माध्यम से बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
डीबीटी बजरंग बली की गदा है, जो भ्रष्टाचार और बेईमानी पर कठोर प्रहार कर रही है। 11 विभागों की 207 योजनाओं की धनराशि डीबीटी के माध्यम से दी जा रही है। इसमें 113 केंद्रीय योजनाएं और 94 राज्य सेक्टर की योजनाएं हैं। डीबीटी से 09 करोड़ 08 लाख से अधिक लोगों को 01 लाख 11 हजार 637 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। डीबीटी ट्रांजेक्शन के कारण 10 हजार करोड़ की बचत की गई है।
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