Kanpur Metro: शहर में 88 नये मेट्रो स्टेशन से दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन, मंधना, उन्नाव, रमईपुर और उन्नाव भी जाएगी

मेट्रो का विस्तार होने से स्थानीय परिवहन होगा मजबूत, जाम से मिलेगी मुक्ति

Kanpur Metro: शहर में 88 नये मेट्रो स्टेशन से दौड़ेगी मेट्रो ट्रेन, मंधना, उन्नाव, रमईपुर और उन्नाव भी जाएगी

कानपुर, (अभिषेक वर्मा)। शहर में मेट्रो ट्रेने के विस्तार की योजना तैयार कर ली गई है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में नौबस्ता से बर्रा 8 जुड़ जायेगा। यह दोनों ही स्टेशन प्रथम व द्वितीय कॉरिडोर के अंतिम छोर हैं। इनके जुड़ने से बर्रा के मौहल्ले, यशोदा नगर, कर्रही, खाड़ेपुर समेत कई क्षेत्रों के लोगों को सीधा लाभ मिलने लगेगा। 

वहीं, मेट्रो ट्रेन में बैठकर शहरवासी मंधना, चकेरी, रमईपुर और उन्नाव तक सफर कर सकेंगे। यूपीएमआरसी ने कैंट क्षेत्र तक भी मेट्रो दौड़ाने का प्लान तैयार किया है। मेट्रो के विस्तार से स्थानीय परिवहन मजबूत होगा। इसके साथ ही शहर के चौराहों व व्यस्ततम रूट  लगने वाले जाम से मुक्ति मिल जायेगी।

कानपुर में प्रस्तावित 7 नए कॉरिडोर    74.9 किमी. पर बनेंगे। 850 मीटर पर एक मेट्रो स्टेशन बनाने की परिकल्पना है। इस हिसाब से शहर में 88 नये मेट्रो स्टेशन बन सकते हैं। यूपीएमआरसी की ओर से बनाये गये प्रस्ताव के अनुसार नौबस्ता से बर्रा 8 तक 5.9 किमी. में मेट्रो का नया कॉरिडोर बनाने की तैयारी है। इसी तरह पनकी से केंद्रीय विद्यालय कैंट तक 20.61 किमी लंबा कॉरिडोर बनेगा। 

इससे शहर को एक छोर से दूसरे छोर जाने में लोगों को आराम हो जायेगा। मेट्रो के अनुसार नौबस्ता से चकेरी तक 17.6 किमी. में अलग कॉरिडोर बनेगा। इस रूट पर मेट्रो चलने से इंडस्ट्रियल क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठित व असंठित कर्मियों को यात्रा करने में आराम हो जायेगा। इसी तरह आईआईटी कानपुर से मंधना को 5.44 किमी. तक मेट्रो को चलाने की तैयारी है। 

मेट्रो कानपुर अखबार 11

इसी तरह सीएसए से ख्योरा कटरी (मैनावती मार्ग) तक 4.37 किमी. और नौबस्ता से रमईपुर 5.78 किमी. तक मेट्रो ट्रेन दौड़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यूपीएमआरसी ने केंद्रीय विद्यालय कैंट से उन्नाव तक 15.2 किमी. तक कॉरिडोर बनाकर मेट्रो के संचालन का प्लान तैयार किया है। इस कॉरिडोर के बनने से शहर से उन्नाव सीधा जुड़ जायेगा। जिससे दो शहर के बीच आवागमन आसान हो जायेगा।

एलिवेटेड की जगह भूमिगत होंगे स्टेशन

यूपीएमआरसी के एमडी सुशील कुमार ने बताया कि मेट्रो निर्माण में देरी के कारण एलिवेटेड लाइन को भूमिगत मेट्रो में परिवर्तित किया जा रहा है क्योंकि हर साल नए फ्लाईओवर के निर्माण और शहर के अन्य विकास के कारण जगह की कमी के कारण एलिवेटेड लाइन पर जाना संभव नहीं होगा। इसलिए एलिवेटेड की जगह भूमिगत मेट्रो चलाने पर जोर होगा।

जाम, दुर्घटनाएं और प्रदूषण घटेगा

मेट्रो ने कहा है कि नये कॉरिडोर के निर्माण से अत्यधिक अव्यवस्थित वाहन के कारण चौराहों पर जाम की स्थिति पैदा होती है, यात्रा का समय बढ़ जाता है, वायु प्रदूषण बढ़ता है, सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती हैं। यह सभी समस्याएं मेट्रो ट्रेन के संचालन से खत्म हो जाएंगी।

कानपुर-लखनऊ और आगरा में 2-2 कॉरिडोर

कानपुर में आईआईटी से नौबस्ता तक 23.8 किमी. में पहला और सीएसए से बर्रा-8 तक 8.4 किमी. में दूसरा कॉरिडोर बन रहा है। लखनऊ में मेट्रो के दूसरे कॉरिडोर में चारबाग से वसंतकुंज ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के लिए 'ग्राउंड लेवल वर्क' शुरू हो गया है। 

वहीं, पहले कॉरिडोर में सीसीएस से मुंशीपुलिया तक मेट्रो का संचालन हो रहा है। दोनों ही कॉरिडोर 34.03 किमी. के हैं। आगरा मेट्रो ट्रेन का निर्माण तेजी से चल रहा है। आगरा में 2025 में ही 10 स्टेशनों तक मेट्रो ट्रेन का संचालन हो जाएगा। दो कॉरिडोर पर मेट्रो 29.4 किमी तक चलेगी। पहले कॉरिडोर में 13 और दूसरे कॉरिडोर में 14 स्टेशन हैं।

यह भी जानें:

- मेट्रो के सर्वे के अनुसार अस्पताल, विश्वविद्यालय, कॉलेज और स्कूल के लिए उच्च मेट्रो कवरेज की आवश्यकता है। क्योंकि केवल लगभग 7% अस्पताल, 30% कॉलेज और 16% स्कूल वर्तमान में 500 मीटर के टीओडी क्षेत्रों के अंतर्गत आते हैं इन शहरों में मेट्रो लाइन होनी आवश्यक है।

- मौजूदा निर्माणाधीन मेट्रो ट्रेन नेटवर्क के पूरे उपयोग के लिए घनी आबादी वाले क्षेत्रों में विस्तार की आवश्यकता है।

ये भी पढ़ें- Good News: राजधानी लखनऊ, कानपुर और ताजनगरी आगरा में होगा मेट्रो का विस्तार, ये है प्रस्तावित नए कॉरिडोर...