मुरादाबाद: एसआईबी ने पकड़ी टैक्स चोरी...30 लाख मौके पर जमा कराए

रॉ मटेरियल बैंक मुरादाबाद मेटल्स कंपनी में एसआईबी की टीम ने की छापेमारी

मुरादाबाद: एसआईबी ने पकड़ी टैक्स चोरी...30 लाख मौके पर जमा कराए

मुरादाबाद,अमृत विचार। आयुक्त राज्य कर उत्तर प्रदेश द्वारा जीएसटी कर चोरी पर अपर आयुक्त ग्रेड राज्य कर मुरादाबाद जोन आरएस द्विवेदी के नेतृत्व में एक मालिक की दो फर्मों पर टीम ने छापेमारी की। जिसमें मेटल स्क्रैप एवं ई-वेस्ट से एल्यूमिनियम कॉपर सिल्ली का निर्माण कर बिक्री किए जाने वाले व्यापारी की फर्म का डाटा खंगाला गया। जिसमें ऐसी फर्मों से खरीद दिखाई गई है जो पूर्व में कैंसिल और मौजूदा वक्त में बंद हैं।

व्यापारी ने बोगस खरीद कर आईटीसी क्लेम भी किया है। जिससे राज्य कर चोरी करने का मामला सामने आया है। व्यापारी की जांच के दौरान पिछले कुछ वर्षों में ई-वे बिल भी कैंसिल किए गए है। टीम ने व्यापारी राज्य कर के रूप में 30 लाख मौके पर ही जमा कराए हैं।

मंगलवार को वाणिज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने एक साथ एक ही स्वामी की दो फर्मों पर छापामार कार्रवाई की। हालांकि एक फर्म स्वामी के नाम है, तो दूसरी फर्म मुरादाबाद मेटल कंपनी प्राइवेट लिमिटेड रॉ मैटेरियल बैंक के नाम से उसकी पत्नी के नाम पर संचालित है। खास बात यह है कि विकास आयुक्त हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार के अधीन इस फर्म के डाटा अपलोडिंग में वाणिज्य कर विभाग को कुछ कमियां मिली थी। जिसको लेकर वाणिज्य कर विभाग ने दोनों फर्म पर एक साथ कार्रवाई की है। जिसमें मुख्य व्यापार स्थल प्रिंस रोड मुरादाबाद और ब्रांच स्थल ग्राम-वीरपुर कुंदरकी तहसील बिलारी पर विशेष अनुसंधान शाखा की 2 टीमों में 7 अधिकारियों और पुलिस बल के साथ जांच कराई गई। संभल रोड के फरीदपुर वीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित "रॉ मटेरियल बैंक" मुरादाबाद मेटल्स कंपनी प्राइवेट लिमिटेड फर्म पर एसआईबी की टीम ने छापेमारी की है।

 इस छापेमारी में टीम ने फर्म के दस्तावेजों को खंगाला और बिक्री और खरीद के रिकॉर्ड की जांच में फर्जी फर्म से खरीद दिखाई गई और मौके पर मिले माल बिक्री का रिकॉर्ड दर्ज नहीं मिला। अभिलेखों से बाहर माल बिक्री कर नगद धनराशि लेकर राज्य कर चोरी किया जाना पाया गया। इसके अलावा इंद्रा चौक स्थित फर्म स्वामी नोमान मंसूरी के निवास पर भी एसआईबी की टीम ने छापेमारी की और दस्तावेजों को खंगाल कर उनसे पूछताछ की । पूछताछ में मिली जानकारी और अभिलेख में दर्ज रिकॉर्ड दोनों अलग अलग मिले।

जिसमें टीम को अभिलेख में दर्ज माल से अधिक तादाद में मौके पर माल मिला। वहीं अभिलेखों में दर्ज खरीदारी करने वाली फर्म पहले से बंद पाई गई। जांच के समय लगभग 1.73 करोड़ रुपये के टर्नओवर की टैक्स चोरी का मामला प्रकाश में आया है। फर्म स्वामी से जांच के दौरान ही प्रतिकूल तथ्य पाए जाने पर डीआरसी-03 के माध्यम से 30 लाख रुपये राज्य कर के रूप में जमा कराया। जांच में एसआईबी की टीम में डीसी एसआईबी बामदेव राम त्रिपाठी और असिस्टेंट कमिश्नर एसआईबी रणंजय त्रिपाठी शामिल रहे।

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