आर्थिक सुधार के लिए नई नीति की जरूरतः पी. चिदंबरम

आर्थिक सुधार के लिए नई नीति की जरूरतः पी. चिदंबरम

उदयपुर। कांग्रेस ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था अत्यंत चिंताजनक हालत में पहुंच चुकी है, विकास की गति अवरुद्ध हो गई है तथा चारों तरफ महंगाई एवं बेरोजगारी का माहौल है, इसलिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नए ढंग से काम करने की जरूरत है। कांग्रेस चिंतन शिविर के लिए गठित आर्थिक …

उदयपुर। कांग्रेस ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था अत्यंत चिंताजनक हालत में पहुंच चुकी है, विकास की गति अवरुद्ध हो गई है तथा चारों तरफ महंगाई एवं बेरोजगारी का माहौल है, इसलिए अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नए ढंग से काम करने की जरूरत है। कांग्रेस चिंतन शिविर के लिए गठित आर्थिक मामलों की समिति के प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को यहां समिति की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच परस्पर विश्वास पूरी तरह से टूट चुका है और देश के आर्थिक हालत बहुत खराब हो गये हैं।

पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं और बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि देश के आर्थिक हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि उसे पटरी पर लाने के लिए नए सिरे से काम करने की जरूरत है। उनका कहना है कि सरकार आर्थिक हालत सुधारने के लिए विपक्ष को साथ लेकर चलने को तैयार नहीं है, लेकिन कांग्रेस अपने सुझाओं के साथ अर्थव्यवस्था में सुधार तथा लोगो को बदहाली की तरफ जाने से बचाने के लिए सरकार को हर स्तर पर सहयोग करने के लिए तैयार है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि नव संकल्प चिंतन शिविर में आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 37 लोगों ने चार घंटे तक अपने विचार रखे। इस मुद्दे पर आज भी और कल भी सदस्य चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर लगातार घट रही है, महंगाई अभूतपूर्व तरीके से बढ़ रही है और सरकार की गलत नीतियों के कारण महंगाई आसमान छू रही है। सरकार आर्थिक सुधारों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था की सेहत लगातार बिगड़ रही है।

चिदंबरम ने कहा कि देश में श्रमिक शक्ति हिस्सेदारी की दर ऐतिहासिक रूप से गिरकर 40.38 प्रतिशत के निचले स्तर पर है, जबकि बेरोजगारी की दर 7.83 प्रतिशत पर पहुंच गई है। पिछले सात माह के दौरान 22 अरब डॉलर देश से बाहर गए हैं और डॉलर के मुकाबले रुपया 77.48 के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आर्थिक स्तर पर देश की जो स्थित है, उसमें सुधार लाने के लिए आर्थिक नीतियों पर नए सिरे से काम करने की जरूरत है। देश में गरीबी तेजी से बढ़ी है और वैश्विक भुखमरी के सूचकांक में भारत 116 देशों में 101 वें स्थान पर पहुंच गया है।

चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि देश के आर्थिक हालातों में सुधार लाने के लिए आर्थिक नीतियों में जलवायु परिवर्तन तथा बदली परिस्थितियों के अनुसार नए सिरे से काम करने की जरूरत है। उन्होंने विश्वास जताया कि चिंतन शिविर के जरिए काग्रेस आर्थिक हालत में सुधार के लिए जो भी विचार करेगी, उससे देश के आर्थिक हालत सुधारने के लिए नया माहौल बनेगा और आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा।

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