लखनऊ: डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज का रद्द हो सकता है लाइसेंस

लखनऊ: डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज का रद्द हो सकता है लाइसेंस

लखनऊ। एमसीआई से बेहतर ग्रेड पाने के लालच में मजदूरों को पैसे का झांसा देकर फर्जी मरीज बताकर बंधक बनाने और बिना बीमारी इंजेक्शन व वीगो लगाने के मामले में फंसे डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस के खिलाफ सोमवार तक बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जी हां, स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई नोटिस …

लखनऊ। एमसीआई से बेहतर ग्रेड पाने के लालच में मजदूरों को पैसे का झांसा देकर फर्जी मरीज बताकर बंधक बनाने और बिना बीमारी इंजेक्शन व वीगो लगाने के मामले में फंसे डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस के खिलाफ सोमवार तक बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जी हां, स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई नोटिस का अबतक जवाब न देने के कारण सोमवार को कॉलेज का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।

डॉ. एमसी सक्सेना कालेज ने अब तक नहीं दिया है नोटिस का जवाब

मंगलवार को घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से कॉलेज एवं अस्पताल प्रबंधन को नोटिस भेजा गया था। जिसमें 24 घंटे में लिखित जवाब देने का आदेश था। पर कॉलेज की ओर से अबतक नोटिस का जवाब नहीं दिया गया है। कई बार रिमाइंडर भेजा जा चुका है।

अब अंतत: सोमवार दोपहर तक कॉलेज को लिखित जवाब देने का आदेश है। इसके बाद भी जवाब न मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।

पुलिस भी सीज कर सकती है कॉलेज

इधर गुरुवार को पुलिस की ओर से भी सीसीटीवी रिकॉर्ड, मरीजों-मजदूरों के रिकॉर्ड समेत 10 बिन्दुओं पर जानकारी मांगते हुए कॉलेज गेट पर नोटिस चस्पा किया गया था। जिसमें 48 घंटे में साक्ष्य जमा करने का निर्देश था। पर अबतक कॉलेज की ओर से कोई साक्ष्य नहीं सौंपा गया है। ऐसे में पुलिस की ओर से कॉलेज को सीज करने संबंधी याचिका कोर्ट में दायर की गई है। कोर्ट से लिखित अनुमति मिलते ही कॉलेज एवं अस्पताल भवन को सीज किया जा सकता है।

सर्च वॉरंट मिलते ही कॉलेज में घुसने को पुलिस तैयार

पुलिस की ओर से कोर्ट में दायर सर्च वॉरंट याचिका पर भी कोर्ट सोमवार को निर्णय लेगा। अगर कोर्ट से सर्च वॉरंट स्वीकृत होता है तो संभवत: सोमवार या मंगलवार को पुलिस कॉलेज परिसर के अंदर घुसकर जांच शुरू करेगी।

पुराने मामलों को खंगाल रही पुलिस

सरकारी आदेशों की लगातार अवहेलना करने के कारण अब पुलिस कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ खिसियानी बिल्ली बन गई है। पुलिस ने कॉलेज से संबंधित पुराने मामलों को खंगालना शुरू कर दिया है। तीन वर्ष पूर्व ठाकुरगंज में कॉलेज के खिलाफ छात्रों की फीस हड़पने का मामला दर्ज हुआ था।

जिसमें बाद में कॉलेज निदेशक शरद सक्सेना का नाम हटा दिया गया था। डीसीपी पश्चिम ने पूछा है कि किस आधार पर शेखर सक्सेना का नाम केस से हटाया। वहीं डॉ. एमसी सक्सेना के खिलाफ दर्ज पूर्व मामलों को भी खंगालने को कहा गया है।

क्या है मामला

याद रहे कि गत मंगलवार को ठाकुरगंज थानांगर्तत दुबग्गा स्थित डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस में एनएमसी निरीक्षण को लेकर कई मजदूरों को पैसे का लालच देकर पहले फर्जी मरीज बनाकर भर्ती लिया गया।

जब मजदूरों को इंजेक्शन व वीगो लगाया जाने लगा तो मजदूरों ने विरोध कर भागने का प्रयास किया, पर कॉलेज प्रबंधन ने गेट पर ताला जड़कर मजदूरों को बंधक बना लिया। एक मजदूर जैसे-तैसे भाग कर पुलिस को पास पहुंच गया और घटना की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने कॉलेज पहुंचकर बंधक बनाये गये दर्जनों मरीजों को छुड़वाया।

अस्पताल के खिलाफ कोर्ट में सर्च वारंट याचिका दायर की गई है। सोमवार को वारंट जारी हो सकता है। वारंट मिलते ही अस्पताल में घुसकर जांच शुरू की जायेगी। वहीं सरकारी आदेश की अवहेलना में कोर्ट से आदेश मिलते ही कॉलेज भवन को सीज किया जायेगा। कॉलेज व इसके अधिकारियों से संबंधित पुराने मामलों की भी जानकारी ली जा रही है।

-सोमेन वर्मा, डीसीपी पश्चिम

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