लखनऊ: संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों युवाओं से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

लखनऊ: संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों युवाओं से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

लखनऊ। सरकारी विभागों में संविदा पर नौकरी लगाने का झांसा देकर सैकड़ों युवाओं से करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का एसटीएफ लखनऊ ने भंडाफोड़ किया है। आरोपियों के पास से मिले चेकबुक, फर्जी मोहर, फर्जी लेटरपैड एसटीएफ ने गोमती नगर विस्तार थानांतर्गत सेक्टर-6 स्थित संवेदना अस्पताल के समीप गिरोह के दो अभियुक्तों को …

लखनऊ। सरकारी विभागों में संविदा पर नौकरी लगाने का झांसा देकर सैकड़ों युवाओं से करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले गिरोह का एसटीएफ लखनऊ ने भंडाफोड़ किया है।

आरोपियों के पास से मिले चेकबुक, फर्जी मोहर, फर्जी लेटरपैड

एसटीएफ ने गोमती नगर विस्तार थानांतर्गत सेक्टर-6 स्थित संवेदना अस्पताल के समीप गिरोह के दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। मौके पर पुलिस ने 14 फर्जी नियुक्ति पत्र, पांच फर्जी प्रवेश पत्र, चार स्टाम्प पेपर, पांच चेकबुक, एक पासपोर्ट, चार पैनकार्ड, छह फर्जी लेटरपैड, दो फर्जी मुहर आदि सामान बरामद किया है।

गिरफ्तार अभियुक्तों में गोमती नगर विस्तार थानांतर्गत सेक्टर-6 वैभवखंड निवासी विनय कुमार मिश्रा व सरोजनी नगर थानांतर्गत ट्रांसपोर्ट नगर निवासी विजय कुमार दुबे शामिल है।

प्रतिमाह 11220 रुपए दिलाने का किया था वादा

एसटीएफ की ओर से बताया गया कि वर्ष 2020-21 में आयुष मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के दौरान दवाएं बांटने और लाभार्थियों का डाटा एकत्रित करने के लिए 11,220 रुपये प्रति माह वेतन पर संविदा पर नौकरी दिलाने का झांसा देकर गाजीपुर निवासी अमरदीप सिंह से सात लाख 55 हजार रुपये की ठगी का मामला दर्ज हुआ था। इस ठग गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

दो कंपनी बनाकर कर रहे थे ठगी

गिरफ्तार विनय मिश्रा ने बताया कि उसने वर्ष 2012 में एहसास वेलफेयर फाउंडेशन एनजीओ व आई केयर सर्विसेज नामक दो कंपनी बनाई। पर कंपनियां चली नहीं। इसके बाद 2020 तक विभिन्न कंपनियों में काम किया। 2020 में उसने संजय सिंह और सचेंद्र शुक्ला के साथ मिलकर प्रगति पथ सर्विसेज कंपनी और प्रगति पथ सेवा संस्थान नामक कंपनी बनाई।

इसके माध्यम से लखनऊ नगर निगम में संविदा पर नौकरी लगवाने के नाम पर 18 युवाओं से 22 हजार रुपये प्रति आवेदक, लखनऊ मेट्रो में नौकरी लगवाने के नाम पर 14 आवेदकों से 40 हजार रुपये प्रति आवेदक, टीजीटी अध्यापक के लिए तीन अभ्यर्थियों से दो लाख रुपये प्रति व आयुष मंत्रालय में संविदा पर नौकरी दिलाने के नाम पर 25 युवाओं से 10 लाख रुपये लिये। इसके अलावा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री, आर्मी, नर्सिंग, एयरपोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर भी कई युवाओं को ठगा।

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