बरेली: मधुमक्खी की ओर से तैयार शहद का मानव जीवन में विशेष महत्व

बरेली: मधुमक्खी की ओर से तैयार शहद का मानव जीवन में विशेष महत्व

बरेली, अमृत विचार। बरेली कॉलेज में चल रहे मधुमक्खी पालन व शहद उत्पादन प्रशिक्षण के दूसरे दिन मंगलवार को प्रशिक्षणार्थियों को मधुमक्खी पालन में उपयोग होने वाले टूल्स व मधुमक्खी पालन की विशेषताओं के विषय में बताया गया। इस दौरान खादी ग्राम उद्योग के प्रशिक्षकों की ओर से बताया गया कि मधुमक्खी द्वारा तैयार किया गया …

बरेली, अमृत विचार। बरेली कॉलेज में चल रहे मधुमक्खी पालन व शहद उत्पादन प्रशिक्षण के दूसरे दिन मंगलवार को प्रशिक्षणार्थियों को मधुमक्खी पालन में उपयोग होने वाले टूल्स व मधुमक्खी पालन की विशेषताओं के विषय में बताया गया। इस दौरान खादी ग्राम उद्योग के प्रशिक्षकों की ओर से बताया गया कि मधुमक्खी द्वारा तैयार किया गया प्रत्येक उत्पाद मानव जीवन के लिए उपयोगी होता है, जैसे मधुमक्खी अपने शरीर से मोम का उत्पादन करती है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की औषधियां, कॉस्मेटिक्स, रंग -रोगन तथा बारूद निर्माण में किया जाता है।

ये भी पढ़ें- बरेली: दिवाली को लेकर रोडवेज ने बनाई रणनीति, बड़े रूटों के साथ देहात में भी होगा बसों का संचालन

मधुमक्खी द्वारा अपने शिशुओं के लिए एकत्रित किया गया पराग एक विशेष प्रकार की प्रोटीन होती है जो मानव रोग संबंधित से औषधियों के साथ-साथ आहार में भी उपयोगी होता है। मधुमक्खी द्वारा बनाया जाने वाला शहद अत्यंत उपयोगी होता है, शहद में तीनों प्रकार की शर्कराएं ग्लूकोज, फ्रक्टोज तथा अत्यंत कम मात्रा में सुक्रोज पाया जाता है, शहद तत्काल ही शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है, एक किलोग्राम शहद से 3000 कैलोरी उर्जा शरीर को प्राप्त होती है, यह एक कफ ठंडक नाशक पदार्थ है जो शरीर को स्वस्थ रखता है।

शहद में जीवाणु प्रतिरोधकता पाई जाती है जिसके कारण ही है मानव शरीर को चुस्त-दुरुस्त व आकर्षक बनाता है प्रतिदिन 6 से 80 ग्राम तक शुद्ध शहद चिकित्सकों के परामर्श के अनुसार खा सकते हैं। मधुमक्खियों द्वारा रॉयल जेली भी बनाई जाती है जो उनके के सिर में मौजूद ग्रंथियों से निर्मित होती है यह रॉयल जेली मधुमक्खियों के शिशु को खिलाई जाती है।रॉयल जेली खाने से रानी मक्खी का जीवनकाल 2 से 4 वर्ष तक का हो सकता है।रॉयल जेली में अनेकानेक मानव उपयोगी गुण पाए जाते हैं यह शक्तिवर्धक टॉनिक के साथ-साथ मधुमेह, गठिया, महिलाओं में बांझपन तथा नपुंसकता इत्यादि के इलाज में अत्यधिक लाभकारी है।

ये भी पढे़ं- बरेली: कर्मचारी नगर में तीन अवैध पटाखा गोदाम पर छापा, सील