Allahabad HC: अनापत्ति प्रमाण पत्र के बिना नए अधिवक्ता दाखिल नहीं कर सकते मुकदमा

प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी भी मुकदमे में यदि कोई अधिवक्ता पहले से शामिल है, तो उसके स्थान पर अन्य अधिवक्ता तब तक अपना वकालतनामा दाखिल नहीं कर सकता है, जब तक कि उसने पहले वाले अधिवक्ता से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न लिया …
प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी भी मुकदमे में यदि कोई अधिवक्ता पहले से शामिल है, तो उसके स्थान पर अन्य अधिवक्ता तब तक अपना वकालतनामा दाखिल नहीं कर सकता है, जब तक कि उसने पहले वाले अधिवक्ता से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न लिया हो। अदालत ने इस आदेश का कड़ाई से पालन करने के लिए रजिस्ट्री को निर्देश दिया है।
न्यायालय ने अपने आदेश में आगे यह भी टिप्पणी की कि इन दिनों यह प्रवृत्ति काफी देखी जा रही है कि किसी मुकदमे में पहले से जुड़े हुए अधिवक्ता से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए बिना याची की तरफ से हलफनामा लेकर दूसरा अधिवक्ता अपना वकालतनामा दाखिल कर देता है। यह कार्य विधि सम्मत नहीं है।
उपरोक्त आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी की एकल पीठ ने सुरेश राघवानी के द्वारा दाखिल की गई अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। याची की तरफ से पूर्व में अधिवक्ता शशिधर पांडे को आबद्ध किया गया था।