दिव्यांग विवि में दो दिवसीय संगोष्ठी का पहला दिन: चित्रकूट में बोले जगद्गुरु रामभद्राचार्य- 'मंगलकारी है भारतीय न्याय संहिता'
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चित्रकूट, अमृत विचार। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय में शनिवार से सांविधानिक एवं संसदीय अध्ययन संस्थान उत्तर प्रदेश क्षेत्रीय शाखा विधान भवन लखनऊ के तत्वाधान में शनिवार से भारतीय न्याय संहिता- 2023 समाविष्ट राष्ट्र निर्माण संकल्प की सकारात्मक अवधारणा विषय पर दो दिवसीय विचार गोष्ठी शुरू हुई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता अमंगल नहीं, मंगल की है।
मुख्य अतिथि पद्म विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य, सभापति विधान परिषद कुंवर मानवेंद्र सिंह, कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय, प्रमुख सचिव विधान परिषद डा. राजेश सिंह, आचार्य रामचंद्र दास ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि अंग्रेजों ने भारतीय दंड संहिता लागू की था। स्वतंत्रता के बाद से 2022 तक वही लागू रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार ने भारतीय न्याय संहिता- 2023 को लागू किया। इसकी कमियों को वह प्रधानमंत्री से मिलकर सुधार कराएंगे। न्याय का अर्थ है अपराधों पर दंडात्मक कार्यवाही अपनाना।
भारतीय न्याय संहिता का व्यापक दृष्टिकोण है कि किसी भी अत्याचार को क्षमा नहीं करना चाहिए उसमें कार्यवाही अवश्य होना चाहिए। जब तक क्षमा करें जब तक क्षमता का सम्मान हो, यह भारतीय न्याय संहिता है। जो भारतीय न्याय संहिता का अपमान करे उसे भारत में जीने का अधिकार नहीं है। प्रमुख सचिव विधान परिषद डा. राजेश सिंह ने बताया कि गोष्ठी में आने वाले विचार, सुझावों को इस भारतीय न्याय संहिता में समाविष्ट किया जाएगा। इस मौके पर प्रमुख सचिव द्वारा लिखित, प्राचीन भारत की न्यायिक व्यवस्था एवं महाभारत नामक पुस्तक का लोकार्पण किया गया।
डा. अमित द्विवेदी व डा. विजय पयासी ने मां सरस्वती वंदना की। इस मौके पर सदस्य विधान परिषद डा. बृजेश चंद्रा, टीएन त्रिपाठी, हरिजी पांडेय, विजय शंकरपति त्रिपाठी, देवेंद्र उपाध्याय, प्रमोद कुमार मिश्रा, शशि शर्मा, बाला पांडेय, मीरा आचार्य, तूलिका आशुतोष, मंजू यादव, ममता आर्य, कनकलता निगम, दिनेश चंद्र त्रिपाठी, कृष्ण नारायण मिश्रा, शैलजा चौहान, रत्नेश्वर सिंह सहित विधान परिषद के अन्य सदस्य, विशेष सचिव विधान परिषद प्रताप नारायण द्विवेदी, शिवेंद्र सिंह, मुनेश कुमार सहित स्थानीय अधिकारी आदि मौजूद रहे।
मील का पत्थर है भारतीय न्याय संहिता
सभापति विधान परिषद कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता-2023 भारतीय समाज को मजबूती प्रदान करेगा और यह मील का पत्थर साबित होगी। पहले के कानून में सिर्फ पुलिस की रक्षा की गई थी। यह कानून सर्व समाज के कल्याण के लिए बनाया गया है।