यूपी: एंबुलेंसकर्मियों की हड़ताल से प्रदेश में मचा हाहाकार, सरकार ने दी ये चेतवानी

लखनऊ। प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार रात 12 बजे से सेवा ठप कर दी। प्रदेश भर में करीब साढ़े चार हजार एंबुलेंस खड़ी हो गईं। इससे पूरे प्रदेश में हाहाकार की स्थिति है। सोमवार रात नौ बजे तक एंबुलेंस का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। प्रदेश के कई जिलों के …
लखनऊ। प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मियों ने रविवार रात 12 बजे से सेवा ठप कर दी। प्रदेश भर में करीब साढ़े चार हजार एंबुलेंस खड़ी हो गईं। इससे पूरे प्रदेश में हाहाकार की स्थिति है। सोमवार रात नौ बजे तक एंबुलेंस का संचालन शुरू नहीं हो पाया है। प्रदेश के कई जिलों के लोग भी काफी परेशान रहें। लोगों को मजबूरन प्राइवेट एंबुलेंस की सुविधाएं लेनी पड़ रही है। हड़ताल से नाराज प्रदेश सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लागू करने की चेतावनी दी है।
कर्मचारियों का आरोप है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और ओडिशा में ब्लैकलिस्टेड कंपनी को यूपी स्वास्थ्य विभाग में करोड़ों रुपये का ठेका मिला है। यह कंपनी यूपी में वेंटिलेटर युक्त एम्बुलेंस सेवा में विभिन्न पदों पर नौकरी दिए जाने के नाम पर बडे़ पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रही है। ठेका पाने वाली ज्यादातर नई कंपनी पुराने अनुभवी कर्मचारियों को रोलओवर करती हैं, लेकिन यह कंपनी पूर्व में काम कर रहे कर्मचारियों की छंटनी कर केवल पैसा कमाने के लिए नए कर्मचारियों की भर्ती कर रही है।
नए लोगों से खुलेआम 20-25 हजार रुपये की मांग की जा रही है। राजस्थान में जिगित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड के खिलाफ सीबीआई जांच तक चल रही है। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडे एवं संगठन मंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि एंबुलेंस कंपनी प्रबंधन, एनएचएम और संघ के बीच बातचीत हुई लेकिन निष्कर्ष नहीं निकला। संघ की मांग है कि एंबुलेंस कर्मियों को पहले की तरह ही मानदेय दिया जाए। उनसे किसी तरह का बांड ना भराया जाए और करोना काल में शहीद होने वाले कर्मचारियों के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
एनएचएम संघ की तीन मांगों पर बनी सहमति
उप्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ (रजि.) ने पूर्व घोषित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक कार्यालय का घेराव हुआ। प्रदेश के समस्त जिलों से आए करीब दो हजार संविदा कर्मचारियों ने संघ के अध्यक्ष ठाकुर मयंक प्रताप सिंह की अगुवाई में किया। संगठन की पांच सूत्री लम्बित मांगों पर अपर मुख्य सचिव की में अध्यक्षता में तीन बिंदुओं पर प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई बैठक में सहमति बनी। इसके बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया।
संघ के अध्यक्ष ने बताया कि जिनमे प्रथम ट्रांसफर पॉलिसी की बहाली के संदर्भ पर सिर्फ म्यूच्यूअल ट्रांसफर पर सहमति बनी। इसके अलावा आउटसोर्सिंग के तहत कार्यरत एमसीटीएस कम्प्यूटर ऑपरेटर को जिला स्वास्थ्य समिति में समायोजित किए जाने और पूर्ण हो चुकी वेतन विसंगति का निराकरण शीघ्र निस्तारण करने पर सहमति बनी। वहीं, पीईटी के मुद्दे पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य चिकित्सा ने कहा कि ये आयोग स्तर का मुद्दा है जो मेरे स्तर से निस्तारित नही हो सकता है, यदि उच्च स्तर पर मेरी कोई वार्ता होती है तो मैं इसके लिए प्रयासरत रहूंगा। 25 प्रतिशत कोविड प्रोत्साहन राशि दिए जाने पर कोई सहमति नही दी।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा अमित मोहन प्रसाद से संघ के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश अध्यक्ष ठा. मयंक प्रताप सिंह, महामंत्री डॉ. इस्लाम मोहम्मद तव्वाब, प्रदेश प्रवक्ता आदित्य भारती, डॉ. अमित सिंह आरबीएसके, आज़ाद सिंह संघ संस्थापक, गौरव शर्मा, सत्यार्थ प्रकाश शामिल थे। संगठन ने अपर मुख्य सचिव का आभार व्यक्त करते हुए खुशी जाहिर की। जिनमें डॉ. रविन्द्र चौहान, अतुल भदौरिया, विजय बाजपेयी, सुमायला खान, जावेद खान, करुणा शंकर मिश्रा, राम प्रताप सिंह, डॉ. आनन्द प्रताप सिंह, डॉ. रोहित, मंडल अध्यक्ष मोहसिन खान, मंडल उपाध्यक्ष अवनीश मिश्रा, डॉ. मनीष सिंह, डॉ. वैशाली, विमलेंद्र गोस्वामी, मनोज कुमार बरेली सहित समस्त संविदा एएनएम व अन्य कर्मचारियों ने भी सचिव को धन्यवाद ज्ञापित किया।