बरेली: कोरोना से मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र में जिक्र नहीं, कैसे मिलेगा लाभ

बरेली: कोरोना से मौत का मृत्यु प्रमाण पत्र में जिक्र नहीं, कैसे मिलेगा लाभ

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जान गंवाने वालों के परिजनों की मदद के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद के साथ तमाम योजनाओं की घोषणा कर जख्मों पर काफी हद तक मरहम लगाने का प्रयास किया है लेकिन जिला अस्पताल, नगर निगम, कॉमन सर्विस सेंटर से जारी होने वाले …

बरेली, अमृत विचार। कोरोना महामारी की दूसरी लहर में जान गंवाने वालों के परिजनों की मदद के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने आर्थिक मदद के साथ तमाम योजनाओं की घोषणा कर जख्मों पर काफी हद तक मरहम लगाने का प्रयास किया है लेकिन जिला अस्पताल, नगर निगम, कॉमन सर्विस सेंटर से जारी होने वाले मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत का कोई जिक्र नहीं है। सिर्फ साधारण जानकारी दर्ज होने से परेशान परिजन कोविड के जिक्र वाले मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे हैं। उनका कहना है भविष्य में कोविड से मौत होने का प्रमाण की आवश्यक्ता हुई तो उनके पास कोई भी शासकीय दस्तावेज नहीं रहेगा, जिससे ये पता चल सके कि मौत कोरोना संक्रमण से हुई।

इधर, जिम्मेदारों का कहना है कि मृत्यु प्रमाण-पत्र में मृत्यु के कारण का कोई कॉलम ही नहीं है तो फिर कोरोना से मौत कैसे लिख दें। ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि कोरोना से मौत का जब तक प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा तब तक सरकार जो सुविधाएं दे रही हैं उनका लाभ आखिर कैसे मिल पाएगा। बुधवार को नगर निगम में कोरोना से मरने वालों के कई मरीजों के परिजन मिले। जिनके सवाल के जवाब से कर्मचारी बचते नजर आए।

अभी तक ये हुआ एलान
केंद्र सरकार ने महामारी के चलते अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर फंड से 10 लाख रुपए की सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही कहा कि यह रकम बच्चों के नाम से सावधि जमा कराई जाएगी। यह रकम बच्चों को 18 से 23 साल की उम्र के दौरान वजीफे के रूप में मिलेगी या 23 साल का होने पर एकमुश्त दी जाएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने पंचायत चुनावों में ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पोल अधिकारियों को 30 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। वहीं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की कोरोना से मौत पर सरकार पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की राशि देगी।

करीब तीन सौ लोगों की हो चुकी है कोरोना से मौत
जिले में तीन सौ से अधिक लोगों की कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो चुकी है, लेकिन जारी किए गये किसी के मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत का जिक्र नहीं किया गया है। हालांकि कई परिवार तो ऐसे भी है। जिनकी मौत कोरोना से तो हो गई है, लेकिन वह अस्पताल तक नहीं पहुंच पाए। जिसको लेकर अब परिजनों में गुस्सा है, और वह चाहते हैं कि मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोरोना से हुई मौत लिखा जाए, ताकि सरकार से मिलने वाले मुआवजे और सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

इनकी सुनें-

आजाद नगर निवासी युवक आकाश की मौत के बाद परिजन मृत्यु प्रमाण पत्र लेने नगर निगम पहुंचे, जहां उन्हें प्रमाण पत्र मिला जिसमें कोरोना की जैसी कोई जानकारी नहीं थी। परिजनों ने बताया कि इस प्रमाण पत्र के अलावा उनके पास कोई शासकीय दस्तावेज नहीं है जिसमें कोरोना से मौत की जानकारी हो।

कृष्णा कुंज निवासी हरीश बाजपेई का कहना है जब अस्पताल में ही जांच होने के बाद कोरोना पॉजिटिव आने पर मरीज को कोविड वार्ड में शिफ्ट किया गया था और वहां मरीज की मौत हो गई तो फिर अस्पताल प्रबंधन को मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत होने का जिक्र करने में क्या दिक्कत है। पूरे सिस्टम में ही झोल नजर आ रहा है।

मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए केंद्र सरकार के सीआरएस पोर्टल पर आवेदन किया जाता है। इसी पोर्टल से ही प्रमाण पत्र जारी होता है। पोर्टल पर ही मृत्यु प्रमाण पत्र में कारण लिखने का विकल्प नहीं है। इसमें शासन स्तर से ही बदलाव होगा। अगर ऐसे कोई निर्देश आते हैं, तो उसे अमल में लाया जाएगा। -डा. अशोक कुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम