बरेली: बमुश्किल सुलझा विवाद; दोनों पक्ष बातचीत के बाद बुखारपुरा से जुलूस निकालने पर हुए राजी

बीते साल हुए विवाद के बाद दिया था नया रूट, पर इस पर भी राजी नहीं था हिंदू पक्ष

बरेली: बमुश्किल सुलझा विवाद; दोनों पक्ष बातचीत के बाद बुखारपुरा से जुलूस निकालने पर हुए राजी

बरेली, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश के जिला बरेली में जुलूस-ए-मुहम्मदी के रूट पर जारी गतिरोध सुलझ गया है। पुलिस-प्रशासन ने सभी पक्षों के साथ बातचीत के बाद बुखारपुरा से जुलूस निकालने की अनुमति दे दी। यहां चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। 

पुलिस के साथ पीएसी के जवान इलाके में गश्त कर रहे हैं। यह वही मार्ग है, जो पहले सुझाया गया था, लेकिन यहां भी विरोध के बाद असमंजस बन गया था। फिलहाल जुलूस को लेकर पुलिस के अधिकारी खुद मौके पर डटे हैं। सुरक्षा व्यवस्था का आलम यह है कि पूरा इलाका छावनी में तब्दील दिखाई पड़ रहा है। 

मकान की छतों पर खड़े लोगों को भी अपने घरों के अंदर रहने का निर्देश दिया जा रहा है। रात करीब 8:30 बजे तक जारी रही मीटिंग में प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुखारपुरा वाले नए मार्ग से जुलूस निकलवाने का भरोसा दिलाया। इस पर अंजुमन, दरगाह और संगठन के ज़िम्मेदार लोग जुलूस निकालने पर सहमत हो गए। इसके बाद यहां सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है। 

बरेली में जश्ने-ईद-मिलादुन्नबी पर दो दिन जुलूस निकलते हैं। पुराना शहर का जुलूस जश्न की पूर्व संध्या पर निकलता है। अंजुमन-इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन की अगुवाई में आज यानी रविवार को जुलूस निकाला जाएगा। देर रात तक जिला प्रशासन के साथ चले बैठकों के दौर में यह फैसला लिया गया है। 

दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने अंजुमन इत्तेहाद-ए-मुस्लिमीन के हवाले से इस फैसले की जानकारी दी है। इसी के साथ जुलूस को लेकर शाम से जो अंजुमनें घरों के बाहर खड़ी थीं, उनके रवाना होने की तैयारी शुरू हो गई है। जुलूस कमेटी से जुड़े लोगों के मुताबिक, शासन और प्रशासन की मंशा के अनुरूप ही जुलूस निकाला जाएगा। 

प्रशासन के समक्ष यही बातें रखी गईं। चूंकि मीरा की पैठ वाले परंपरागत मार्ग पर अनुमति न देकर बुखारपुरा से एक नया रूट दिया गया है। तो यहां सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर प्रशासन ने पूरा आश्वासन दिया है। इसीलिए यहां से जुलूस रवाना करने का निर्णय लिया गया है। 

बरेली में दूसरा जुलूस ईद मिलादुन्नबी के दिन कोहाड़ापीर से निकलता है। अंजुमन खुद्दाम-ए-रसूल इसे लीड करती है, जो दरगाह आला हजरत के प्रमुख और सज्जादानशीन की कयादत यानी नेतृत्व में निकलता है। पुराना शहर के जुलूस के मार्ग पर बने गतिरोध के कारण दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने जिला प्रशासन के लिए ये संदेश भिजवाया था कि अगर रूट नहीं दिया जाएगा तो फिर जुलूस नहीं निकालेंगे। इसके बाद बरेली में जुलूस को लेकर सभी पक्षों की तरफ से कसरत तेज हो गई। 

देर शाम तक जुलूस को लेकर सहमति बन गई है। हालांकि बुखारपुरा के कुछ लोगों ने पहले नई परंपरा की बात कहते हुए जुलूस का विरोध किया था। लेकिन प्रशासन के बातचीत के बाद बात बन गई और सभी पक्ष जुलूस पर सहमत हो गए हैं।

बरेली में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जुलूस-ए-मुहम्मदी निकला जाएगा। बुखारपुरा से लेकर पुराना शहर और जुलूस के हर मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी खुद भी सड़कों पर आकर व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं।

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