हल्द्वानी: 75 दिन में सांपों ने 140 लोगों को डसा, तीन लोगों की हुई मौत

हल्द्वानी: 75 दिन में सांपों ने 140 लोगों को डसा, तीन लोगों की हुई मौत

हल्द्वानी, अमृत विचार। हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में सांपों की अच्छी तादाद है। डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में सर्पदंश के मामले आते हैं। अस्पताल में पिछले ढाई माह में 140 मामले सामने आए हैं। दुख की बात है कि इनमें तीन लोगों की मौत भी हो गई है।

हल्द्वानी और उसके आसपास के क्षेत्रों में किंग कोबरा, करैत, रेड खुकरी, रसेल वाइपर जैसे जहरीले सांप पाए जाते हैं। अगर ये सांप किसी को डस लें और समय पर उपचार न मिले तो उसका बचना मुश्किल हो जाता है। एसटीएच में सर्पदंश के मामलों का उपचार किया जाता है। यहां इसके लिए विशेष व्यवस्था भी करवाईं गईं हैं।

गर्मियों में अस्पताल में सर्पदंश के कम मामले आ रहे थे। मई माह में 11 और जून माह में करीब 22 मामले सर्पदंश के आए। जैसे ही बारिश शुरू हुई सर्पदंश के मामलों में कई गुना उछाल आ गया। जुलाई से लेकर अगस्त तक अस्पताल में सर्पदंश के 138 मामले आए हैं। यही नहीं सितंबर के पहले सप्ताह में अस्पताल में 12 सर्पदंश के मामले पहुंचे हैं।

अस्पताल में उचार के दौरान तीन सर्पदंश से पीड़ित लोगों की मौत भी हो गई है। अस्पताल में सर्पदंश मामलों के नोडल ऑफिसर डॉ. परमजीत सिंह ने बताया कि अस्पताल में सर्पदंश के उपचार में प्रयोग होने वाले एंटी वेनम मौजूद है। साथ ही मरीज को आईसीयू में भी भर्ती करने की सुविधा है।

गौला रेंज में सबसे ज्यादा सांप
 वन विभाग के अनुसार गौला रेंज में सबसे ज्यादा सांप निकलते हैं। तराई पूर्वी वन प्रभाग में नौ रेंज हैं। इसकी सीमा नेपाल तक लगी है। बीते सालों में गौला रेंज में सबसे ज्यादा सांप निकलने के मामले सामने आए हैं। सर्पदंश से मौतों की बात करें तो पश्चिमी वृत्त के अधीन आने वाले वन प्रभागों में बीते पांच साल में हर साल औसतन 20 लोगों की मौत सांप के काटने से हुई है। वन विभाग का यह भी कहना है बाघ के हमले से ज्यादा लोगों की सांप काटने से मौत होती है।

तंत्र-मंत्र के चक्कर में न पड़ें: प्राचार्य
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सर्पदंश के मामलों में अभी भी लोगों में अंधविश्वास है। सांप से डसने के बाद कई लोग तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंस जाते हैं और जान से हाथ धो बैठते हैं। बताया कि मरीज को तुरंत ही अस्पताल लेकर आएं। मेडिकल साइंस में सर्पदंश का उपचार मौजूद है। इस बारिश के मौसम में भी सर्पदंश पीड़ित करीब 149 लोगों को अस्पताल से ठीक करके घर भेजा है।