हल्द्वानी: कोरोना की जांच अब जरूरी नहीं शायद?

हल्द्वानी,अमृत विचार। नैनीताल जिले में आने वाले पर्यटकों की कोरोना जांचें लंबे समय से नहीं की जा रही हैं। साथ ही आम आदमी की जांच को लेकर भी टेस्टिंग की संख्या बेहद कम हो गई है। सरकारी अस्पताल एंटीजन किट की भारी कमी से जूझ रहे हैं। यह लापरवाही तब है, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय …
हल्द्वानी,अमृत विचार। नैनीताल जिले में आने वाले पर्यटकों की कोरोना जांचें लंबे समय से नहीं की जा रही हैं। साथ ही आम आदमी की जांच को लेकर भी टेस्टिंग की संख्या बेहद कम हो गई है। सरकारी अस्पताल एंटीजन किट की भारी कमी से जूझ रहे हैं। यह लापरवाही तब है, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजे आंकड़ों के अनुसार, दोबारा संक्रमण दर बढ़ने वाले राज्यों में उत्तराखंड टॉप फाइव में शामिल है। राज्य में सक्रिय मामलों की दर 4.5 प्रतिशत है। जिले में सक्रिय मामलों की संख्या भी राज्य में पहले नंबर पर बनी हुई है।
नैनीताल जिले में अभी तकि 12,553 लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें 12,067 लोग ठीक हुए हैं। अभी एक्टिव केसों की संख्या 184 है। हालांकि स्वस्थ होने वालों का दर ग्राफ भी बढ़ा है, लेकिन इस दौरान इसे लेकर सतर्कता नहीं बरत रहे, जिस कारण दोबारा संक्रमण के मामलों में इजाफा होने लगा है। वहीं विभाग की ओर से जहां टेस्टिंग बढ़ाने और आने वाले पर्यटकों की टेस्टिंग किए जाने की बात कही गई थी, वह भी हवा हवाई साबित हुई है। यह लापरवाही नतीजतन संक्रमण केसों की दर के रूप में सामने आ रही है।
बेस अस्पताल में नहीं हो रही जांचें
बेस अस्पताल में कई दिनों से कोरोना के एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। यहां तय समय से पहले ही कोरोना सैंपल लिए जाने के लिए लगी टीम चली जा रही है। टेस्ट कराने को पहुंच रहे लोग जब शिकायत कर रहे हैं तो अस्पताल प्रबंधन किट खत्म होने का हवाला दे रहा है। केवल अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के ही टेस्ट हो पा रहे हैं। जहां पिछले माह तक रोजाना 400 से 500 तक जांचें हो रहीं थीं, वहीं अब महज 20 से 30 जांचें हो रही हैं।
पांच से छह दिन में मिल रही रिपोर्ट
टेस्ट कराने बेस अस्पताल में सैंपल देने पहुंच रहे लोगों को उनक रिपोर्ट तीन दिन के बाद भी नहीं मिल रही है। सोमवार और मंगलवार को सीएमओ कैंप कार्यालय टेस्ट रिपोर्ट लेने पहुंचे कई लोगों को पांच से छह दिन के बाद भी उनकी रिपोर्ट नहीं मिल पाई। इससे स्वास्थ्य विभाग की हीलाहवाली सामने आ रही है। साथ तय समय पर रिपोर्ट नहीं मिल पाने पर संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।