Kanpur IIT में दो दिवसीय राष्ट्रीय क्वांटम मिशन समन्वय फेस्ट की शुरुआत, नए स्टार्टअप प्रदर्शित हुए, इन बातों पर हुई चर्चा...

कानपुर, अमृत विचार। देश में क्वांटम तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए युवाओं को आना होगा। अभी इस क्षेत्र में नौकरी के अवसर कम होने से युवाओं का कम रुझान है। इसे दूर करने के लिए विशेष मिशन पर काम चल रहा है। उद्योग का साथ लिया जा रहा है। यह बात क्वांटम शोधकर्ता प्रो अरिंदम घोष ने कही। प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि आज क्वांटम तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए देशभर के आईआईटी में शोध कार्य चल रहे हैं। जरूरत है कि इस तकनीक से बने उत्पादों को जल्द बाजार में लाया जाए। आईआईटी निदेशक प्रो मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि क्वांटम पर यूएस और चीन ने 10 वर्ष पूर्व काम शुरू कर दिया था। आईबीएम क्वांटम इंडिया लीडर डॉ. एल वेंकटा सुब्रमण्यम ने कहा कि मिशन की ओर से चल रहे कार्यों की वजह से देश ग्लोबल स्तर पर प्रतियोगिता में आ सकता है।
सेना के पास पहुंची सुरक्षित डिवाइस
क्वांटम फेस्ट में नए स्टार्टअप प्रदर्शित हुए। इनमें से एक स्टार्टअप सेना के डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित करेगा। इस डिवाइस को खरीदने के लिए सेना ने ऑर्डर दिया है। डिवाइस बनाने वाले नीरज गंगवानी और स्वामीनाथन अय्यर ने बताया कि पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी तकनीक से बनी ‘सिक्योर स्टोरेज एंड ट्रांसपरेंड’डिवाइस डाटा को पूरी तरह से सुरक्षित रखती है। यह डिवाइस खो जाती है या दुश्मनों तक पहुंच जाती है तो उसे दूर रहकर ब्लॉक किया जा सकता है।
क्वांटम प्रबोधनम् की शुरुआत
आईआईटी में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन समन्वय फेस्ट में बताया गया कि यह फेस्ट क्वांटम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने और शिक्षाविदों, उद्योग और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए है। मुख्य अतिथि के रूप में एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष प्रोफेसर विनय कुमार पाठक, विशिष्ट अतिथि डीएसटी के क्वांटम टेक्नोलॉजी सेल के प्रमुख डॉ जेबीवी रेड्डी और आईआईटी निदेशक शामिल हुए। कार्यक्रम में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन न्यूजलेटर, क्वांटम प्रबोधनम् की शुरुआत भी की गई।
आत्महत्याएं रोकने को बनेगा सेंटर फॉर मेंटल वेलनेस
आईआईटी में छात्रों की आत्महत्या रोकने के लिए जल्द ही सेंटर फॉर मेंटल वेलनेस सेंटर की शुरुआत होगी। निदेशक ने बताया कि ऐसा सामने आया है कि आत्महत्या करने वालों में पीजी के छात्र अधिक हैं। पीजी के छात्रों की समस्याएं अलग होने और ज्यादातर केस में काउंसलर तक न पहुंच पाने की वजह से ऐसी घटनाएं अधिक हो रही हैं। अब पीजी के लिए एक अलग से काउंसलर उन्हें सलाह देंगे।