सद्भाव की होलिका: Kanpur में एक हिंदू परिवार के लिए होली सजाएंगे मुसलमान, दशकों से चल रही परंपरा

कानपुर, अमृत विचार। बेकनगंज जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्र के दादा मियां चौराहा पर एक हिंदू परिवार के लिए होलिका सजाने में मुस्लिम समाज हर साल पूरा सहयोग करता है। सद्भाव की यह परंपरा दशकों से जारी है। कई बार शहर का माहौल खराब होने के बावजूद रामबालक की तीसरी पीढ़ी इकलौते हिंदू परिवार के रूप में मुस्लिम आबादी के बीच रह रही है।
दादा मियां चौराहे पर वर्षों से होलिका सजाने वाले इरफान अंसारी एवं मुस्तफा तारिक बताते हैं कि राम बालक की तीसरी पीढ़ी में मुंशी राम के बेटे वेद और विजय भाटिया जालंधर में रहते हैं, लेकिन होली और दीपावली का त्योहार चौराहे पर आकर ही मनाते हैं। दादा मियां चौराहे पर राम बालक की जड़ी-बूटी की प्रसिद्ध दुकान दशकों से है, अब उनकी तीसरी पीढ़ी यहां रहकर यह दुकान चलाती है।
कान्हा ये कैसा रंग डाला...सुध-बुध खो बैठी सखियां
सिर पर मटकी रखे रंग बिरंगे परिधानों में सजी धजी कान्हा को घेरे बैठी गोपिकाएं, यह दृश्य पीपीएन कॉलेज में आयोजित वार्षिक समारोह का है। फाल्गुनी गीतों पर गोपिकाओं नंदनी कुरील, रश्मि गौरी, शिवांगी जौहरी, आस्था मिश्रा, आस्था पाण्डेय और कान्हा वेदांश गुप्ता ने नटखट लीला मंचन से लोगों को सम्मोहित कर दिया।