पीलीभीत गैंडा परियोजना पर सुरक्षा आकलन के लिए आई टीम, टाइगर रिजर्व का लिया जायजा

पीलीभीत गैंडा परियोजना पर सुरक्षा आकलन के लिए आई टीम, टाइगर रिजर्व का लिया जायजा

पीलीभीत, अमृत विचार: पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गैंडा पुनर्वास परियोजना को लेकर आई वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की सिक्योरिटी आडिट टीम सुरक्षा संबंधी बिंदुओं का आकलन करने के बाद वापस लौट गई। तीन दिन के दौरान टीम ने टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के कॉरिडोर, ग्रासलैंड, दलदली क्षेत्रों का जायजा लेने के साथ वन चौकियों पर सुरक्षा व्यवस्था भी देखी। अब टीम केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। गैंडा परियोजना को लेकर अब वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को निर्णय लेना है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व में गैंडा पुनर्वास परियोजना को लेकर बीते 18 मार्च को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की दो सदस्यीय टीम यहां सिक्योरिटी आडिट के लिए पहुंची थीं। टीम में शामिल सेवानिवृत्त आईएफएस एवं केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के सदस्य सचिव बीएस बोनाल एवं विश्व प्रकृति निधि गैंडा परियोजना के प्रमुख अमित शर्मा ने पहले दिन स्थानीय अफसरों के बैठक कर परियोजना से संबंधित बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की थी। वहीं टीम ने दूसरे दिन सीमा सशस्त्र बल, पुलिस, सिंचाई समेत अन्य विभाग के अफसरो से परियोजना के संबंध में राय ली थी।

इस दौरान टीम ने तीनों दिन टाइगर रिजर्व के जंगल का अध्ययन करने के साथ सुरक्षा संबंधी बिंदुओं का आकलन किया था। इधर 20 मार्च की सायं टीम वापस लौट गई। वन अफसरों के मुताबिक अब टीम अपनी रिपोर्ट वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को सौंपेगी। इस मामले में अब अगला निर्णय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को ही लना है।

संवाद के साथ कॉरिडोर समेत महत्वपूर्ण स्थानों का लिया जायजा
टीम सदस्यों ने तीन दिनों के दौरान पीलीभीत टाइगर रिजर्व के माला, महोफ, हरीपुर और बराही के जंगलों का अध्ययन किया। इसके अलावा उन्होंने लग्गा-भग्गा कॉरिडोर के साथ नौजलिया नकटहा नदी के किनारे से लेकर धुरिया पलिया, धनाराघाट तक कॉरिडोर का निरीक्षण किया। मटैयालालपुर और फैजुल्लागंज में बैठक कर ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान टीम ने ग्रासलैंड, दलदली क्षेत्रों का जायजा लेने के साथ बराही, हरीपुर की वन चौकियों पर सुरक्षा के इंतजामों को भी परखा।

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