Sambhal Violence : जामा मस्जिद कमेटी के सदर एडवोकेट जफर अली गिरफ्तार, हिंसा भड़काने का आरोप

जामा मस्जिद सदर को हिरासत में लेकर एसआईटी ने चार घंटे तक की पूछताछ, पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में किया गया पेश

Sambhal Violence : जामा मस्जिद कमेटी के सदर एडवोकेट जफर अली गिरफ्तार, हिंसा भड़काने का आरोप

संभल में जामा मस्जिद कमेटी सदर जफर अली एडवोकेट को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस।

संभल। संभल की जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान बीते साल 24 नवंबर को शहर में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने जफर अली को हिरासत में लेकर चार घंटे तक पूछताछ की। इस कार्रवाई के बाद संभल में सतर्कता बढ़ा दी गई है। बाद में कड़ी सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया है। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने भारी पुलिस बल के साथ संभल में पैदल मार्च किया।

संभल हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने रविवार को जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले शनिवार रात को जफर अली को कोतवाली बुलाकर घंटों तक पूछताछ की गई । रात में उन्हें घर जाने दिया गया, लेकिन रविवार सुबह फिर से कोतवाली बुला लिया गया। कोतवाली में उन्हें हिरासत में लेकर चार घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद दोपहर को संभल हिंसा का आरोपी मानकर जफर अली की गिरफ्तारी कर ली गई। पुलिस का कहना है कि जामा मस्जिद में सर्वे की कार्रवाई के दौरान जफर अली भीड़ के बीच पहुंचे तो भड़काने वाली बातें कहीं, जिससे उग्र होकर भीड़ ने हिंसा शुरू कर दी। 

वहीं जफर अली की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर तमाम अधिवक्ता कोतवाली पहुंचे। शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए जहां कोतवाली में भारी पुलिस बल मौजूद रहा वहीं बाजार में भी पुलिस गश्त तेज कर दी गई। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई के नेतृत्व में पुलिस जवानों ने शहर में पैदल मार्च किया। इसके बाद जफर अली को कड़ी पुलिस व्यवस्था के बीच ले जाकर चंदौसी न्यायालय में पेश किया गया। चंदौसी कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं ने पुलिस कार्रवाई के विरोध में नारेबाजी की। देर शाम अदालत के आदेश पर जफर अली को जेल भेज दिया गया। जेल जाते समय जफर अली ने कहा कि उन्होंने पुलिस की पोल खोलने का काम किया इसलिए उन्हें जेल भेजा जा रहा है। उधर, जफर अली के भाई ताहिर हुसैन एडवोकेट ने कहा कि जफर अली ने किसी को नहीं भड़काया, बल्कि अफसरों के सामने ही लोगों को समझाने का काम किया। जफर अली 24 मार्च को न्यायिक आयोग के सामने बयान दर्ज कराने जाने वाले थे। वह बयान न दे पाएं इसीलिए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 

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