संभल : जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट की जमानत याचिका खारिज, अब 27 मार्च को होगी सुनवाई

संभल (उप्र)। संभल में पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट की जमानत याचिका पर अपर जिला एवं सत्र अदालत में आगामी 27 मार्च को सुनवाई होगी। अली की रविवार को हुई गिरफ्तारी के बाद सिविल जज (सीनियर डिवीजन) आदित्य सिंह ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता हरिओम प्रकाश सैनी ने बताया कि अली की जमानत याचिका पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) निर्भय नारायण राय की अदालत में सुनवाई हुई। उन्होंने बताया कि अदालत में अली के अधिवक्ता द्वारा अंतरिम और स्थायी जमानत की याचिका प्रस्तुत की गई। रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने की वजह से अदालत से एक सप्ताह का समय मांगा गया ताकि दोनों पक्षों को सुनकर जमानत याचिका का निस्तारण हो सके। इस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष से 27 मार्च तक केस डायरी उपलब्ध कराने को कहा। अदालत अब जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 27 मार्च को करेगी।
रविवार को जफर अली की गिरफ्तारी के बाद चंदौसी स्थित जिला न्यायालय की न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायाधीश आदित्य सिंह ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी। शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली को पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा मामले में रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। अली के बड़े भाई ताहिर अली ने आरोप लगाया था कि उनके छोटे भाई को सोमवार को संभल हिंसा मामले की जांच के लिए गठित आयोग के समक्ष पेश होना था इसीलिए उन्हें जानबूझकर गिरफ्तार करके जेल भेजने की साजिश को अंजाम दिया है।
पिछले साल 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी तथा कई पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 19 अन्य लोग जख्मी हो गए थे। घटना के बाद अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरोप लगाया था कि हिंसा के लिए पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी और उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा जिम्मेदार हैं और पुलिस की ही गोली से चार लोगों की मौत हुई है।
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