शाहजहांपुर में आयकरदाता और नौकरीपेशा लोगों ने खाया गरीबों का राशन, 600 से अधिक कार्ड निरस्त

शाहजहांपुर में आयकरदाता और नौकरीपेशा लोगों ने खाया गरीबों का राशन, 600 से अधिक कार्ड निरस्त

शाहजहांपुर, अमृत विचार: राशन कार्डों के आयकर विभाग की डिटेल से मिलान करने पर अपात्रों के राशन लेने का खुलासा हुआ है। बीते एक साल के दौरान 600 से ज्यादा ऐसे लोग मुफ्त राशन के लिए अपात्र घोषित किए गए जो या तो नौकरीपेशा थे या फिर आय कर दे रहे थे।

लगभग सौ ऐसे लोगों के भी राशन कार्ड काटे गए हैं जो दूसरे जिलों में रह रहे हैं, लेकिन उनका राशन कार्ड जिले में बना हुआ है। खुलासा होने के बाद पूर्ति विभाग ने राशन कार्ड तो काट दिए, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में नियम विरुद्ध राशन कार्ड बनने से सवाल उठ रहे हैं।

जिले में 37841 अंत्योदय और 571000 पात्र गृहस्थी राशन कार्ड धारक हैं। पूर्ति विभाग की ओर से 1358 दुकानें संचालित कर पात्रों को राशन का वितरण किया जाता है। यह राशन प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्य योजना के तहत दिया जाता है।

भारत सरकार की ओर से यह योजना गरीबों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए चलाई जा रही है, लेकिन जिले में बीते एक साल से शिकायतें आ रही थीं कि अपात्रों को राशन दिया जा रहा है। अच्छी नौकरी करने वाले और व संपन्न लोग भी योजना के तहत मुफ्त राशन खा रहे हैं।

हालांकि यह समस्या केवल जिले तक सीमित नहीं थी। राष्ट्रीय स्तर पर भी इस तरह की शिकायतें आ रही थीं। जिसके चलते लगभग एक साल पहले पात्र राशन कार्ड धारकों की जांच का सिलसिला शुरू हुआ। शुरुआत में एक दो व्यक्ति अपात्र पाया गया, जिसका राशन कार्ड निरस्त कर दिया गया।

इसके बाद जब संख्या बढ़ी तो सामूहिक रूप से जांच करने का फैसला लिया गया। बीते एक साल की जांच में 600 से ज्यादा राशन कार्ड निरस्त किए गए हैं। इनमें 20 अंत्योदय व शेष पात्र गृहस्थी वाले राशन कार्ड धारक थे। नौकरीपेशा और आयकर देने वाले लोग भी मुफ्त राशन योजना का लाभ ले रहे थे।

जांच में खुलासा होने के बाद इनके राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। आयकरदाताओं के मुफ्त राशन लेने का खुलासा आयकर विभाग की सूची से मिलान के दौरान हुआ। इसके अलावा कुछ फर्जी राशन कार्ड आधार कार्ड और राशन कार्ड के मिलान में भी पकड़ में आए।

35 किलो हर माह मिलता है राशन
अंत्योदय राशन कार्ड धारकों को प्रतिमाह 35 किलो खाद्यान्न मिलता है। जबकि पात्र गृहस्थी के कार्ड धारक को पांच किलो प्रति यूनिट के हिसाब से खाद्यान्न दिया जा रहा है। जांच के दौरान 20 अंत्योदय राशन कार्ड भी फर्जी निकले हैं। विभाग ने यह कार्ड निरस्त कर दिए हैं।

हालांकि यह भी पता चला है कि तमाम लोग लंबे समय से अपात्र होने के बाद भी राशन ले रहे थे। नियमों को दरकिनार कर वह स्वयं को पात्र बनाए रखने में कामयाब रहे थे। यही नहीं अधिकारियों की जांच में भी यह खुद को पात्र दिखाने में सफल रहे थे। लेकिन आधार कार्ड और आयकर विभाग से मिलाने में इनकी चोरी पकड़ी गई।

राशन कार्डों के सत्यापन के दौरान 600 से ज्यादा कार्डों में गड़बड़ी पाई गई है। सभी कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। अगर भविष्य में कोई और प्रकरण सामने आता है तो उसमें भी कार्रवाई की जाएगी-चमन शर्मा, डीएसओ

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