इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 16 जनवरी तक बढ़ी

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला : मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर लगी रोक 16 जनवरी तक बढ़ी

प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान 16 जनवरी तक बढ़ा दी है । कोर्ट ने जुबैर को यति नरसिंहानंद के कथित भड़काऊ भाषण के संबंध में 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर उनके पोस्ट के खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में राज्य सरकार द्वारा जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिया है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एफआईआर को चुनौती देने वाली जुबैर की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया। मालूम हो कि इससे पूर्व 20 दिसंबर को हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से जुबैर को राहत देते हुए कहा था कि वह कोई खूंखार अपराधी नहीं है, जिसे जमानत न दी जा सके। अतः 6 जनवरी तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी गई थी। बता दें कि जुबैर पर अक्टूबर 2024 में गाजियाबाद पुलिस द्वारा एक एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें उन पर विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद के एक सहयोगी की शिकायत के बाद धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।

जुबैर ने अपने 'एक्स' अकाउंट पर कथित तौर पर 3 अक्टूबर को कई वीडियो पोस्ट किए थे। पहले ट्वीट में एक वीडियो था, जिसमें डासना देवी मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित भड़काऊ टिप्पणी करते हुए दिखाई दे रहे थे। जुबैर ने यूपी पुलिस को भी टैग करते हुए पूछा था कि यति के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है। अपने एक्स पोस्ट में उन्होंने नरसिंहानंद के कथित भाषण को 'अपमानजनक' बताया। इसके बाद यति नरसिंहानंद सरस्वती ट्रस्ट की महासचिव डॉ. उदिता त्यागी ने जुबैर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें दावा किया गया कि याची ने पुजारी के पुराने और संपादित क्लिप एक्स पर पोस्ट किए थे।

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