बदायूं: सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट लगाने में घपलेबाजी की बू...सभासदों ने खड़े किए सवाल

पुराने खंबों को सही न  कराकर उन्हीं के सामने लगा दी नई स्ट्रीट लाइट

बदायूं: सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट लगाने में घपलेबाजी की बू...सभासदों ने खड़े किए सवाल

ओरछी, अमृत विचार। नगर पंचायत फैजगंज बेहटा में सरकारी पैसों के बंदरबांट का खेल महीनों से चल रहा है। सरकारी धन को गबन किए जाने को लेकर पंचायत के सभासदों ने नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मुरादाबाद फर्रुखाबाद हाइवे पर नगर पंचायत द्वारा लगाई गई स्ट्रीट लाइट में करीब 40 लाख रुपये का घालमेल किया है। जिसकी शिकायत सभासदों द्वारा डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक के लिए की हुई है। परंतु उनकी शिकायतों को जिम्मेदारों ने रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। सभासदों ने एक फिर से शिकायत कर जांच करने की मांग डीएम से की है।
 
सभासदों का आरोप है कि मुरादाबाद फर्रुखाबाद हाइवे पर स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए नगर पंचायत द्वारा 20 लाख का प्रस्ताव पास कर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ठेका दिया था। इसके बाद स्ट्रीट लाइट लगाने का काम शुरू हुआ। हाईवे के दोनों ओर स्ट्रीट लाइट लगाई गई थीं। आरोप है कि हाईवे पर पूर्व से ही स्ट्रीट लाइट लगी हुई थी। जिसे नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ के द्वारा सही कराना उचित नहीं समझा गया। बल्कि उनके स्थान पर नई स्ट्रीट लाईट लगवा दी गईं। स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए जो खंबे प्रयोग किए गए निर्धारित मानक के अनुरुप नहीं लगाए। खंबों का वजन मात्र 30 से 35 किलोग्राम ही है। जबकि पुराने खंबों का वजन मानक अनुसार 120 से 130 किलोग्राम का है। नगर पंचायत अध्यक्ष और ईओ ने पुराने खंबों के मुकाबले नए खंबे दुगनी धनराशि की खरीद होना दर्शाया है। सभासदों का आरोप है जो  लाइट लगाई गईं हैं वे भी मानक के अनुरूप नहीं हैं। लाइट 60 वॉट की होनी चाहिए थी। परंतु लाईटें भी 40 वाट की लगाई गईं हैं। सभासदों का आरोप है कि ईओ और नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा सरकारी धनराशि गबन किए जाने  को लेकर कई बार शिकायती पत्र देकर जांच की मांग की, परंतु उनकी शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। 

सभासदों का कहना है कि उनके द्वारा एक बार फिर से डीएम को शपथ पत्र देकर जांच की मांग की है। ईओ फैजगंज बेहटा देवेंद्र प्रताप ने बताया कि सभासदों द्वारा जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं। वह निराधार है। स्ट्रीट लाइट मानक के अनुसार ही लगाई गईं हैं। उनके द्वारा कई माह से शिकातयें की जा रही हैं। जांच के बाद खुलासा हो जाएगा कि सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है अथवा नहीं।

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