Prayagraj News : दुष्कर्म महिलाओं के सर्वोच्च सम्मान पर आघात है

Prayagraj News :  दुष्कर्म महिलाओं के सर्वोच्च सम्मान पर आघात है

अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपनी पत्नी को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करने वाले आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि उपरोक्त आरोप पीड़िता के सर्वोच्च सम्मान पर गंभीर आघात है और उसके आत्मसम्मान तथा गरिमा को ठेस पहुँचाता है। यह पीड़िता को एक दर्दनाक अनुभव देता है, एक दुष्कर्मी न केवल शारीरिक चोट पहुँचाता है, बल्कि महिलाओं की सबसे प्रिय संपत्ति यानी उनकी गरिमा, सम्मान और प्रतिष्ठा पर एक अमिट दाग छोड़ जाता है।

यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की एकलपीठ ने आईपीसी की गंभीर धाराओं और दहेज निषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत पुलिस स्टेशन क्वर्सी, अलीगढ़ में दर्ज मामले में सलमान को जमानत देने से इनकार करते हुए पारित किया। मामले के अनुसार शिकायतकर्ता (पीड़िता की मां) ने 17 जून 2024 को अपने दामाद (पीड़िता के पति) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि दंपति की शादी फरवरी 2024 में हुई थी। शादी में याची को उसके कारोबार के लिए 4 लाख रुपए भी दिए गए थे। शादी के बाद शिकायतकर्ता को पता चला कि उसका दामाद कुछ अवैध गतिविधियों में लिप्त है और उसकी बेटी को भी उसके संपर्क में नहीं आने दे रहा था। बाद में उसकी बेटी ने उसे बताया कि याची ने पैसों के लिए उसे जबरन अपने साथ अवैध गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया।

एफआईआर में यह भी आरोप लगाया गया है कि विरोध करने पर याची ने उसके साथ मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। किसी तरह शिकायतकर्ता और उसके पति ने पुलिस की मदद से अपनी बेटी को वापस ढूंढा। याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि वैवाहिक विवाद के कारण उसे मामले में झूठा फंसाया गया है।शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि याची ने पीड़िता को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर करने के गुप्त उद्देश्य से विवाह किया और उक्त विवाह के बाद याची ने पीड़िता को अलग-अलग तरीके से परेशान करना शुरू कर दिया और अपने दोस्तों और अन्य व्यक्तियों के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए उसे उनके कमरे में भेजना शुरू कर दिया। इस प्रकार पीड़िता को उसके पति के दोस्तों और अन्य परिचित व्यक्तियों द्वारा यौन रूप से प्रताड़ित किया गया। उसे उनके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया गया, जो एक जघन्य अपराध है, इसलिए याची की जमानत याचिका खारिज किए जाने योग्य है।

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