Prayagraj News : महाकुंभ मेले के व्यवस्था अधिकारियों को हाथरस मामले से सीख लेने का सुझाव
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाथरस में हुई भगदड़ के मामले में तत्कालीन जिलाधिकारी व एसएसपी को हलफनामे के साथ 15 जनवरी को तलब किया है। कोर्ट ने पूछा कि क्यों ना प्रशासनिक अव्यवस्था के कारण हुई 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु पर उनकी जवाबदेही तय की जाए। कोर्ट ने जनवरी से शुरू होने वाले विश्व के सबसे बड़े प्रयागराज महाकुंभ मेले के आयोजन में लगे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को हाथरस की घटना से सबक लेने का सुझाव देते हुए कहा कि प्रयाग महाकुंभ में करोड़ों लोग आएंगे।
केंद्र व राज्य सरकार की लापरवाही से कोई अप्रिय घटना घट सकती है, इसलिए प्रशासन व्यवस्था में शामिल लोगों की जिम्मेदारी बनती है कि वह मेले में सुव्यवस्था स्थापित करके विश्व के सामने एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करें। कोर्ट ने उपरोक्त आदेश की प्रति सीजेएम हाथरस, सचिव उत्तर प्रदेश, आयुक्त प्रयागराज को भेजने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव की एकलपीठ ने 2 जुलाई 2024 को हाथरस के एक गांव फुलरई, मुगलगढ़ी में सूरज पाल उर्फ भोले बाबा द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में होने वाली मौतों के मामले में आरोपी मंजू देवी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
मालूम हो कि पोरा पुलिस चौकी के दरोगा बृजेश पांडेय ने सिकंदराराऊ थाने में दर्ज एफआईआर में आयोजकों को भगदड़ से होने वाली मौतों का जिम्मेदार ठहराया है। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि आयोजकों ने प्रशासन से 80 हजार की भीड़ की अनुमति ली थी, लेकिन ढाई लाख श्रद्धालुओं का जमावड़ा हो गया। भोले बाबा प्रवचन के बाद जाने लगे तो दर्शन के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। सेवादारों ने जबरन रोका। सैकड़ों की संख्या में लोग दब व कुचल गए। कीचड़ भरे खेत में पैरों तले रौंद दिए गए, जिससे 121 लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग घायल हो गए।
प्रशासन की ओर से 50 पुलिसकर्मी ही तैनात थे जो भीड़ को नियंत्रित करने में असफल रहे। पूरे आयोजन में प्रशासन की अव्यवस्था स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। कोर्ट ने हाथरस भगदड़ मामले जैसी तमाम घटनाओं के संदर्भ में कहा कि आयोजक गरीब व अनपढ़ लोगों की भीड़ बुला लेते हैं, लेकिन सुरक्षा के कोई समुचित इंतजाम नहीं किए जाते हैं। श्रद्धा व विश्वास में भीड़ आपा खो बैठती है और भगदड़ में असामयिक मौतें हो जाती हैं।
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