कानपुर : बारासिरोही में 2.7 हेक्टेयर जमीन पर किसानों का कब्जा, खारिज होंगे नाम
अमृत विचार, कानपुर : कानपुर विकास प्राधिकरण अपनी जमीनों को खोजने में जुटा है। मंगलवार को एक बार फिर से केडीए ने बारासिरोही में ऐसी जमीन जांच में पकड़ी है जिसमें फर्जी तरह से काश्तकारों के नाम दर्ज हैं। जबकि केडीए इन जमीनों के बदले मुआवजा दे चुका है। केडीए अधिकारियों के स्थलीय निरीक्षण और अभिलेखों की जांच में यह जमीन सामने आई है। अधिकारियों के अनुसार 2.7 हेक्टेयर जमीन की कुल बाजारी कीमत 99.95 करोड़ रुपये है। केडीए ने अब इन जमीनों से काश्तकारों के नाम खारिज कर केडीए के नाम दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।
केडीए उपाध्यक्ष मर्दन सिंह गब्र्याल एवं सचिव अभय कुमार पाण्डेय के निर्देश पर भूमि पर फर्जी अवैध तरीके से वर्तमान खतौनी वर्ष में निजी काश्तकारों का नाम दर्ज होने की जांच चल रही है। जोन-2 के विशेष कार्याधिकारी डॉ. रवि प्रताप सिंह के द्वारा अपनी अध्यक्षता में टीम का गठन किया गया है। नायब तहसीलदार मौजीलाल व लेखपाल जगजीवन राम, विशम्भर दयाल से ग्राम-बारासिरोही की आराजीवार अभिलेखीय जांच की गई तो पाया गया कि यहां कुल 36 गाटों से संबंधित निजी काश्तकारों के नाम जमीनों में दर्ज है।
जिसे खारिज करके केडीए का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराये जाने की कार्यवाही के निर्देश दिये गये। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण अधिवक्ता को नामित करते हुये निर्देशित किया गया है कि तत्काल ऑनलाइन वाद दर्ज कर प्रभावी पैरवी करें एवं भूमि बैंक की विशेष टीम गठित कर आख्या दें। उन्होंने कहा कि शिथिलता बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी। डॉ. रवि प्रताप ने बताया कि केडीए और भी जमीनों की जांच कर रहा है। हम अपनी जमीन पर दीवार से घेराबंदी भी कर रहे हैं, ताकि कब्जे होने से बचाया जा सके।
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